जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय कक्ष में मंगलवार को नैदानिक स्थापन जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकार की बैठक हुई. सिविल सर्जन डॉ अशोक प्रसाद ने बताया कि 42 नये लोगों द्वारा क्लिनिक रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया गया है. बताया गया कि अधिनियम के अनुसार सभी क्लीनिक की जांच कर न्यू रजिस्ट्रेशन किया जाना है या औपबंधिक रूप से पंजीकरण करते हुए एक माह के अंदर जांच कर लेना है. डीएम ने डॉक्टरों द्वारा क्लीनिक के पंजीकरण के लिए दिये गये आवेदन को औपबंधिक रूप से पंजीकरण करने की स्वीकृति प्रदान की गयी. गैर चिकित्सक के द्वारा दिये गये आवेदन के लिए किसी चिकित्सक के द्वारा उस आवेदन को अभिप्रमाणित किये जाने पर औपबंधिक पंजीकरण करने की स्वीकृति दी गयी. बताया गया कि किसी एक क्लीनिक के द्वारा पंजीकरण का नवीकरण कराये बिना ही क्लिनिक चलाया जा रहा है, जिसके लिए प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना करने का प्रावधान है. डीएम ने एक वर्ष की जुर्माना राशि लेकर नवीकरण करने की स्वीकृति प्रदान की. बैठक में नगर आयुक्त नितिन कुमार सिंह, उपविकास आयुक्त कुमार अनुराग, आइएमए के अध्यक्ष डॉ सोमेन चटर्जी व संबंधित चिकित्सक के साथ संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है