जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने शुक्रवार को पदाधिकारियों व कर्मियों के बीच समन्वय को लेकर समीक्षा भवन में बैठक की. डीएम ने कहा कि सरकारी तंत्र में समय से काम का निष्पादन होने पर पदाधिकारियों की छवि के साथ-साथ सरकार की भी छवि बनती है. विलंब से काम होने पर बदनामी होती है और पदाधिकारियों की योग्यता पर भी प्रश्नचिन्ह लगता है. यह उनके केरियर के लिए भी अच्छा नहीं होता है. प्रखंडस्तरीय पर्यवेक्षीय पदाधिकारी की खोज करने पर वे छुट्टी में रहने का बहाना करते हैं. एक आवेदन अपने नियंत्रित पदाधिकारी के व्हाट्सएप पर भेज देते हैं. उन्होंने छुट्टी देनेवाले पदाधिकारी को भी अपने अधिकारी व कर्मियों पर नियंत्रण रखने को कहा. प्रत्येक सप्ताह मुख्य सचिव विभिन्न विभागों की समीक्षा कर रहे हैं. लिहाजा निर्धारित समय के अंदर उस कार्य का निष्पादन अनिवार्य होगा. यदि कोई पदाधिकारी या कर्मचारी काम नहीं कर रहे हैं, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई का प्रस्ताव दें.
भागलपुर के बाढ़पीड़ितों के खाते में दिये गये 72 करोड़ रुपये : डीएम
भागलपुर. भागलपुर जिले में गंगा व कोसी नदी में अप्रत्याशित रूप से हुई जलस्तर में वृद्धि के कारण आयी आपदा से एक लाख एक हजार परिवार प्रभावित हुए हैं. जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने बताया कि प्रभावित परिवारों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों से 72 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गयी है. यह राशि प्रभावित परिवारों के खाते में पहुंच चुकी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है