राजस्व के लंबित मामलों की समीक्षा को लेकर जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी ने बुधवार को सभी एसडीओ, डीसीएलआर और प्रखंडों के वरीय प्रभारी पदाधिकारी व सीओ के साथ ऑनलाइन बैठक की. सभी सीओ को अल्टीमेटम दिया कि दाखिल-खारिज के 63 दिन से अधिक दिनों से लंबित मामलों का निष्पादन आगामी सोमवार तक नहीं होता है, तो संबंधित कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगते हुए उनका वेतन सीओ द्वारा स्थगित किया जायेगा. विकास मित्र द्वारा सहयोग नहीं करने की जानकारी कई सीओ ने दी. इस संबंध में डीएम ने जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देशित किया कि सभी प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अपने-अपने विकास मित्रों के विकास पंजी की जांच कर समीक्षा कर लें. उनसे यह प्रमाणपत्र भी प्राप्त कर लें कि उनके टोला के किसी महादलित का दाखिल-खारिज, भूमापी, जमाबंदी को आधार से सीडिंग या अन्य विकास व राजस्व के मामले लंबित नहीं है. इसके बाद उनके टोलों से लंबित आवेदन पाये गये, तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. सभी अंचलों से दाखिल- खारिज, भूमापी, जमाबंदी सत्यापन, जमाबंदी का आधार सीडिंग एवं सरकारी भूमि का पंजी दो में प्रविष्टि के लंबित मामलों के निष्पादन की स्थिति की समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान कई अंचलों के निष्पादन की स्थिति संतोषजनक पायी गयी, लेकिन कई अंचलों की स्थिति अच्छी नहीं दिखी. इस संबंध में कई सीओ ने नोटिस तामिला के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मियों की कमी बतायी. डीएम ने उन्हें विकास मित्र, पंचायत सचिव, राजस्व कर्मी आदि से नोटिस तमिला करवाने का निर्देश दिया. अगर कोई कर्मी इसमें असहयोग करता है, तो उसका वेतन या मानदेय स्थगित कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि भू-मापी के वैसे मामले जिनमें रैयत द्वारा शुल्क का भुगतान किया जा चुका है, वह लंबित नहीं रहना चाहिए. साथ ही सरकारी जमीन की प्रविष्टि पंजी टू में विलंब नहीं होना चाहिए. जमाबंदी को आधार से शत प्रतिशत सीडिंग कराने के लिए अपर समाहर्ता (आपदा प्रबंधन) ने सुझाव दिया कि राजस्व ग्राम वार इसके लिए शिविर का आयोजन कराया जा सकता है.
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