डीटीओ कार्यालय में कुछ माह पूर्व तक दलालों पर नकेल के लिए भवन के प्रवेश पर ही आगंतुक रजिस्टर के साथ सुरक्षाकर्मी की तैनाती की गयी थी. तत्कालीन जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया था कि तैनात सुरक्षाकर्मी भवन में आने वाले हर एक व्यक्ति के नाम-पता, मोबाइल नंबर के साथ उनके आने के कारणों की इंट्री करेंगे. कुछ महीनों तक यह व्यवस्था बरकरार रही. सुरक्षाकर्मियों ने भी बखूबी निर्देशों का अनुपालन किया. पदाधिकारियों द्वारा समय-समय पर इसकी जांच भी की गयी. पर कुछ माह बाद ही दलालों और बाबूओं के सांठ-गांठ के बाद व्यवस्था को खत्म कर दी गयी. आगंतुक रजिस्टर मेंटेन करने की व्यवस्था की वजह से भवन में प्रवेश करने वाले दलालों को काफी परेशानी होने लगी थी. उनके आने-जाने पर भी काफी रोक-टोक होने लगी थी. कुछ लोगों का मानना है कि डीटीओ कार्यालय में दलाल इतने ज्यादा हावी हैं कि उक्त व्यवस्था को खत्म करवा दिया. दलालों से सावधान रहने की चेतावनी का भी लगा है बोर्ड डीटीओ कार्यालय में पूर्व जिला परिवहन पदाधिकारियों द्वारा दलालों को कार्यालय से दूर रखने के लिए कुछ और प्रयास भी किये गये थे. कार्यालय के चालान काउंटर के पास एक बोर्ड लगाया गया था जो आज भी लगा हुआ है. उक्त बोर्ड में लर्नर लाइसेंस बनवाने की ऑनलाइन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी के साथ दलालों से सावधान रहने की चेतावनी को भी चिपकाया गया है. पर उक्त बोर्ड के कोई मायने नहीं. आराम से दलाल कार्यालय के भीतर और बाहर घूमते नजर आते हैं. खबर का हुआ असर, कार्यालय परिसर में नहीं दिखे दलाल प्रभात खबर कार्यालय में चल रहे दलालों के खेल की खबर प्रमुखता से प्रकाशित किये जाने के बाद इसका असर देखा गया. कार्यालय के कर्मियों और वहां आनेवाले आवेदकों की मानें तो गुरुवार को कार्यालय में कोई भी दलाल दूर दूर तक नजर नहीं आया. कुछ लोगों का यह भी कहना था कि गुरुवार को दलालों के नहीं रहने की वजह से और दिनों के मुकाबले आवेदनों की संख्या भी काफी कम रही. वहीं कार्यालय में लगे कंप्यूटरों का भी सर्वर आता-जाता रहा.
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