EXPLAINER: बिहार के संदर्भ में जब हथियार और देशी कट्टे की बात होती है तो सबसे पहले चर्चा मुंगेर की ही अक्सर होती है. दरअसल, मुंगेर में बड़े स्तर पर अवैध तरीके से हथियार बनाये जाते रहे हैं. समय-समय पर पुलिस की कार्रवाई में इसके खुलासे भी होते रहे हैं. बिहार की सबसे पुरानी बंदूक फैक्ट्री मुंगेर में ही है. अंग्रेजों के जमाने से यह फैक्ट्री चल रही है. उसी मुंगेर में आए दिन अवैध तरीके से चल रहे मिनी गन फैक्ट्री के खुलासे होते रहे हैं. वहीं अब इसका दायरा पसरता जा रहा है और आसपास के जिलों में भी हथियार बनने लगे हैं. दूसरे जिलों में भी जब मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा होता है तो इसके तार कहीं न कहीं मुंगेर से जुड़ ही जाते हैं. हाल में लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, बांका, बेगूसराय, खगड़िया और भागलपुर में एक के बाद एक करके कई मिनी गन फैक्ट्री के खुलासे किए गए हैं.
मुंगेर पुलिस ने हाल में ही मुफस्सिल थाना के बरदह दियारा में जब छापेमारी की तो मिनीगन फैक्ट्री का खुलासा हुआ. पुलिस ने मौके पर से हथियार बनाने वाले चार कारीगर को गिरफ्तार कर लिया. वहीं सात कारतूस एवं छह बेस मशीन सहित हथियार बनाने वाले 100 से अधिक उपकरण बरामद किए थे. दरअसल, मुंगेर के एसपी जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी को सूचना मिली थी कि बरदह दियारा क्षेत्र में अवैध तरीके से मिनीगन फैक्ट्री चल रही है. हथियार यहां तैयार किए जा रहे हैं और इसकी तस्करी की जाती है. पुलिस ने तब नाव से गंगा पार किया और दियारा के उक्त स्थल पर छापेमारी की. जहां से हथियार बनाने वाले कारीगरों को गिरफ्तार किया था. हथियार निर्माण, तस्करी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. मुंगेर के एसपी का कहना है कि लगातार हो रही छापेमारी की वजह से हथियार कारोबारी पलायन कर चुके हैं.
मुंगेर की मुफस्सिल थाने की पुलिस ने जब इससे पहले तारापुर दियारा क्षेत्र में छापेमारी की थी तो मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन करने में पुलिस को कामयाबी हासिल हुई है. पुलिस को मौके पर से हथियार बनाने का ढेर सारा उपकरण मिला था. अर्धनिर्मित पिस्टल, अर्धनिर्मित मैगजीन,बेस मशीन,ड्रील मशीन, कारतूस वगैरह जब्त किए गए थे.
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मुंगेर से सटे लखीसराय में भी मिनी गन फैक्ट्री का संचालन होता है. हाल में ही एसटीएफ की सूचना पर जिला पुलिस व एसएसबी जवानों ने मेदनीचौकी थाना क्षेत्र के सलारपुर श्मशान घाट के पास छापेमारी की थी तो अवैध तरीके से चल रहे मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया था.इस दौरान पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. आधा दर्जन अर्द्धनिर्मित पिस्टल सहित पिस्टल बनाने के उपकरण आदि भी बरामद किये थे. अवैध हथियार का निर्माण व बिक्री का कारोबार कुछ लोगों के द्वारा किए जाने की सूचना पुलिस को मिली थी. सलारपुर श्मशान घाट से सटे सुरक्षा बांध के पास छापेमारी की गयी तो झाड़ी में बैठे कुछ लोग भागने लगे थे. पांच लोगों को छापेमारी दल ने पकड़ा था. मुंगेर जिला के कासिम बाजार थाना क्षेत्र के खानकाह का रहने वाला भी एक व्यक्ति इनमें शामिल था.
शेखपुरा जिला पुलिस ने शेखपुरा के बाउघाट थाना क्षेत्र के आलापुर गांव में छापेमारी कर एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था. इस दौरान पुलिस की पकड़ में आए मो कैसर व अब्दुल्ला इनाम ने बताया था कि वो जमुई के अड़सार का रहने वाला है. दोनों ने शेखपुरा पुलिस को बताया कि जमुई के अड़सार में भी हथियार तैयार होते हैं जिसके बाद जमुई के सदर थाना क्षेत्र के अड़सार में शेखपुरा पुलिस ने हाल में छापेमारी की थी और मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया था.पुलिस को इस दौरान अर्ध निर्मित देसी पिस्तौल, हैंड ड्रिल मशीन व हथियार बनाने में काम आने वाले अन्य उपकरण वगैरह मिले थे. इस दौरान आधा दर्जन अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया था.
मुंगेर से सटे भागलपुर में एक दो नहीं बल्कि आधा एक के बाद एक करके करीब दर्जन मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हो चुका है. नवगछिया के गोपालपुर, लोदीपुर, नाथनगर व कहलगांव समेत कई जगहों पर छापेमारी की गयी तो हथियार बनाने के काले कारोबार का पर्दाफाश हुआ है. यहां भरी आबादी में रिहाइशी इलाके में ही इतनी खामोशी से मौत का सामान तैयार किया जाता है कि आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीं लग पाती. ऐसे कई मामले सामने आए.
भागलपुर के नाथनगर में जब दिसंबर 2022 में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ तो सभी दंग रह गए थे. बड़ी मस्जिद के पास ही चंपानगर मोहल्ले के हसन लेन में एक घर में हथियार बन रहा था. करीब दो साल से यहां ये फैक्ट्री चल रही थी. नवगछिया के इस्माइलपुर में एक घर में मामा और भांजा भी हथियार बना रहा था. जबकि गोपालपुर में एक बासा पर भी यह कारोबार चल रहा था. कहलगांव समेत कई जगहों की छापेमारी में मुंगेर के कारीगर पकड़े गए थे. पकड़े गए मुंगेर निवासी मिराज और बिट्टु, जो हथियार बनाने में एक्सपर्ट थे उन्होंने पुलिस को बताया था कि वो सरकारी पिस्तौल तक की हूबहू कॉपी कर लेते हैं. सरगना इन्हें स्पेशल ट्रेनिंग देकर भेजता था. कच्चा माल ये मुंगेर से लाते थे और पिस्तौल बनाकर बाहर सप्लाई करते थे.
खगड़िया में मुंगेर से जुड़े अवैध हथियारों के नेटवर्क का खुलासा इसी साल हो चुका है. एसटीएफ ने मानसी थाना क्षेत्र के फनगो गांव में एक घर में छापेमारी की थी जहां मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था. करीब डेढ़ दर्जन पिस्टल व कारतूस व हथियार बनाने के उपकरण वगैरह बरामद किए गए थे. एक व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई थी जो मुंगेर के मुफस्सिल थाना के बरदह गांव का निवासी था.
मुंगेर से सटे बांका जिले के बाराहाट में भी इस साल एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया गया था. अरकट्टा गांव में छापेमारी की गयी तो अर्धनिर्मित हथियार और हथियार बनाने वाले उपकरण एक घर से बरामद की गयी थी. इससे पहले शंभुगंज थाना क्षेत्र के वारासाबाद गांव में छापेमारी करके जब मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया गया था तो हथियार व उपकरण के साथ गिरफ्तार पांच लोगों में मुंगेर के भी अपराधी धराए थे. अप्रैल में इसी साल कटोरिया थाना क्षेत्र के दामोदरा पंचायत के कुहका गांव में मिनी गन फैक्ट्री का खुलाासा हुआ था. जहां घर के अंदर ही हथियार बनाया जा रहा था.
वहीं हाल में ही मुंगेर से सटे बेगूसराय जिला में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ था. लाखो थाना क्षेत्र के लाखो पचपन टोला में मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया गया था. इस दौरान मुंगेर के कासिम बाजार के रहने वाले प्रशिक्षित कारीगर मौके पर से धराए थे. हथियार बनाने का काम मुंगेर का रहने वाला एक शिक्षक करवाता था.
मुंगेर के एसपी जगुनाथरेड्डी जलारेड्डी कहते हैं कि हथियार निर्माण, तस्करी को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. मुंगेर के एसपी ने एक मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लगातार हो रही छापेमारी की वजह से हथियार कारोबारी पलायन कर चुके हैं. यानी अगर यह कहा जाए कि मुंगेर में हथियार बनाने वाला गिरोह अब दूसरे जिलों में भी पसरने लगा है तो यह कहना गलत नहीं होगा.