हॉस्टल में छात्र की मौत सहित आर्म्स बरामदगी और अमृत पांडेय मौत मामले की हो रही समीक्षा
हॉस्टल में छात्र की मौत सहित आर्म्स बरामदगी और अमृत पांडेय मौत मामले की हो रही समीक्षा
तक्षशिला स्कूल में छात्र की संदिग्ध मौत मामले की समीक्षा जारी जीरोमाइल थाना क्षेत्र के झुरखुरिया स्थित तक्षशिला विद्यापीठ के छात्रावास में विगत 2 जनवरी को 9वीं कक्षा के छात्र अभिमन्यु उर्फ आर्यन राज का शव संदिग्ध परिस्थिति में खिड़की में लगे फंदे से लगा मिला था. मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आत्महत्या की जानकारी दी गयी थी. पर शव की स्थिति देख हरेक व्यक्ति ने हत्या किये जाने की बात कही थी. उक्त मामले में परिजनों ने विगत दिनों डीआइजी से मिल कर आवेदन दिया था. जिसपर डीआइजी ने पूरे मामले की जांच सिटी एसपी को सौंपी थी और मामले में रिपोर्ट तैयार कर सौंपने का निर्देश दिया था. मामले पर सिटी एसपी ने बताया कि घटना की फाइल मंगवाई गयी है. अब तक हुई जांच में किन किन बिंदुओं पर जांच की जानी है इसकी समीक्षा कर अनुसंधानकर्ता को निर्देश दिया जायेगा. आर्म्स बरामदगी मामले में जांच जारी मधुसूदनपुर में आर्म्स बरामदगी मामले में पुलिस ने जिस जमीन से बरामदगी की थी उसके मालिक के बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जबकि घटनास्थल से बरामद बाइक मालिक का अब तक पता नहीं लगा सकी है. उक्त मामले को लेकर सिटी एसपी ने बताया कि जमीन मालिक की भूमिका की जांच की जा रही है. जबकि बरामद हुई बाइक जिसकी थी उसका पता लगा कर उसे मुख्य अभियुक्त बनाया गया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद मामले का खुलासा किया जायेगा. सिटी एसपी ने बताया कि अभी तक की जांच में यह बात सामने आयी है कि जमीन मालिक द्वारा आपराधिक तत्वों को उक्त जगह बैठने के लिए दी थी. ताकि आसपास के लोगों के द्वारा किये जा रहे जमीन कब्जा से बचाया जा सके. अमृता पांडेय मौत मामले में 10 दिनों में आयेगा डाक्टर्स ओपिनियन भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध मौत मामले में हत्या की बात का पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आने के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है. उक्त मामले में वरीय पुलिस अधिकारियों ने डाक्टर्स ओपिनियन लेने की बात कही थी. इसको लेकर सिटी एसपी राज ने बताया कि वरीय पुलिस अधीक्षक के स्तर पर जिलाधिकारी को पत्र लिखकर पोस्टमार्टम को लेकर ओपिनियन लेने के लिए डाक्टरों की टीम का गठन करने की मांग की गयी है. जिलाधिकारी के स्तर से इस संबंध में सिविल सर्जन को निर्देश दिया जायेगा. टीम गठित होने के 10 दिनों के भीतर ओपिनियन की रिपोर्ट प्राप्त हो सकेगी. उसके बाद ही मामले में आगे कुछ कहा जा सकेगा. मृतका के मोबाइल को भी जब्त कर जांच के लिए भेजा गया है.
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