15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मॉनसून की तैयारी : भागलपुर में नाले की उड़ाही पूरा करने की डेडलाइन 25 मई, अब तक 50% काम अधूरा

मानसून की तैयारियों के लिए पटना को 21 दिनों के अंदर 12 बार में 12.26 करोड़ रुपये मिले, जबकि भागलपुर इस राशि से वंचित है. स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज सिस्टम से शहर की सड़कों को बारिश के पानी में डूबने से बचाया जा सकता है, लेकिन मुख्यालय ने 10 महीने से इसे अधर में लटका रखा है, डीएम के कहने पर भी मंजूरी नहीं मिल सकी है.

भागलपुर शहर के साथ सौतेला व्यवहार हुआ है. मॉनसून की तैयारी के मद्देनजर पटना को 21 दिनों के अंदर 12 बार में 12.26 करोड़ रुपये नगर विकास और आवास विभाग ने दे दिया है. भागलपुर के लिए कोई राशि स्वीकृत नहीं की है. स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम की उम्मीद बनी थी, तो उसके 256 करोड़ की फाइल पर 10 महीने से कुंडली मारकर बैठा है.

पटना को अगर पैसा मिला है, तो वहां तेजी से काम भी हो रहा है. भागलपुर में इसकी तैयारी की कार्य प्रगति धीमी है. बरसाती पानी में अगर राजधानी की सड़कें डूबने की आशंका है, तो भागलपुर शहर भी हमेशा डूबते रहा है. इस बरसात भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इसकी वजह है कि दोनों शहर गंगा के किनारे है.

नाले की उड़ाही करने की डेडलाइन 25 मई, काम 50 प्रतिशत अधूरा

नाले की उड़ाही कार्य को पूरा करने का डेडलाइन 25 मई निर्धारित है. यह तय डीएम ने किया है और नगर निगम को निर्देशित किया है कि वह इसको हार हाल में पूरा करे. डेडलाइन को सिर्फ तीन दिन बचे हैं. अभी तक 50 प्रतिशत उड़ाही कार्य अधूरा है. अभी 12-13 वार्डों में नाले की उड़ाही होना बाकी है. संभावित जल जमाव के मद्देनजर शहर के सभी प्रमुख नालों की उड़ाही 14 मई तक पूरा करने का भी डीएम का निर्देश था. यह डेडलाइन पार कर गया है. अब तक वह भी पूरा नहीं हो सका है.

एजेंसी की 30, तो निगम का 150 सफाई कर्मी, फिर भी उड़ाही कार्य सुस्त

कहने को तो नाले की उड़ाही के लिए शहरभर में 180 सफाईकर्मियों को लगाया गया है लेकिन, सच्चाई यह है कि यह काम कहीं-कहीं दिख रहा है. 51 में 38 वार्ड निजी हाथों में है, तो एजेंसियों ने का सिर्फ 30 सफाईकर्मी काम कर रहा है. निगम ने 150 सफाईकर्मी दिया है.

निगम ने 11 लाख किया है खर्च

नगर निगम ने अपने आंतरिक संसाधन से अभी तक नाले की उड़ाही पर 11 लाख रुपये तक खर्च किया है. 10-12 लाख तक और खर्च होने की उम्मीद जतायी जा रही है. खर्च की गयी राशि भी एजेंसियों के बिल में एडजस्ट करने की बात बतायी जा रही है. यानी, निगम का अगर कोई राशि खर्च होगी भी, तो वह वार्ड 1 से 13 तक की नाले की उड़ाही पर.

बरसाती पानी में डूबने से बचा सकता है स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम, मुख्यालय गंभीर नहीं

बरसाती पानी से डूबने से स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम ही बचा सकता है लेकिन, मुख्यालय गंभीर नहीं है. भागलपुर में इसकी आधारशिला तत्कालीन मेयर सीमा साह ने साल 2019 में रखी थी. साल 2023 में तत्कालीन डीएम सुब्रत कुमार सेन ने 274.85 करोड़ के संशोधित डीपीआर को स्वीकृति संबंधित पत्र भी लिखा था. फाइल को मंजूरी नहीं मिली है.

जानें, क्या है स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज

स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम बारिश के पानी की निकासी के लिए बनाया जाता है. इसमें सीवरेज से अलग कॉलोनियों में सड़कों के साथ-साथ अंडर ग्राउंड नाले का निर्माण किया जाता है. इसका लेवल इस तरह से तैयार किया जाता है कि सभी जगहों पर तेजी से बारिश के पानी की निकासी हो सके. इस सिस्टम से कहीं पर नाला ओवरफ्लो नहीं होता है.

निगम ने रवैया नहीं बदला, तो मुसीबतें लेकर आयेगा मॉनसून

नगर निगम ने अगर अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया और अपना रवैया नहीं बदला, तो आगामी बारिश का मौसम मुसीबत लेकर आयेगा. मौजूदा समय की बात करें तो जल निकासी का प्रमुख स्रोत मुख्य नाला है, जिसकी सफाई के प्रति पूरी तरह लापरवाह बना है. नगर निगम की ओर से साफ सफाई तो कराई जा रही लेकिन मानक के अनुसार नहीं.

इलाकों में जल निकासी से जुड़े सभी मामले ठंडे बस्ते में हैं. यदि ऐसे में अचानक बारिश हुई तो पूरे इलाका जलजमाव की समस्या से जूझेगा. इसका ताजा उदाहरण सिकंदपुर की छोटी जैसी रोड है, जिसके जलजमाव को एक महीने में भी क्लियर नहीं करा सका है. दो सफाईकर्मियों के भरोसे कार्य चल रहा है. किसी दिन कार्य होता है तो ज्यादातर दिनों में नहीं.

Also Read: भागलपुर-बांका के सरकारी दफ्तरों में जमीन से जुड़े पेंडिंग मामलों का अंबार, करीब 65,000 मामले लंबित

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें