मॉनसून किसानों को छल रहा है. बारिश के इंतजार में एक ओर धान के बिचड़ा की बुआई नहीं हो रही है, दूसरी ओर खेत में फसल तीखी धूप से जल रही है. जिले नौ प्रखंडों के 10 हेक्टेयर भूमि में लगी मूंग की फसल तीखी धूप से काफी प्रभावित हुई. शाहकुंड, गोराडीह, जगदीशपुर में सैकड़ों बीघा में लगी मूंग की फसल पूरी तरह से जल गयी. इन प्रखंडों में लगी थी मूंग की फसल
किसानों का दर्द
जगदीशपुर के प्रगतिशील किसान राजशेखर ने बताया उन्होंने खुद पांच बीघा में मूंग की फसल लगायी थी. उनका लगभग 80 फीसदी फसल जल गयी. जबकि पूरे प्रखंड में 100 से अधिक बीघा में फसल लगी थी, जो कि धूप से खराब हो गयी. वहीं शाहकुंड के युवा किसान शिरोमणि, वयोवृद्ध किसान मृंगेंद्र सिंह ने बताया कि उनके यहां की स्थिति अधिक खराब है. किसानों की लागत भी नहीं लौट रही है. पूरी फसल ही जल गयी. किसानों के लिए काटो तो खून नहीं. शिरोमणि ने बताया कि शाहकुंड प्रखंड के गांव सरहा की हालत सबसे खराब है. यहां का नजारा भयावह है. बहियार मूंग से पटा था. अब जली व सूखी हुई फसल दिख रही है. इधर, सन्हौला प्रखंड के बैजनाथपुर के किसान उमाशंकर सिंह, अमरजीत कुमार ने बताया कि बार-बार पटवन व भारी मशक्कत से फसल को बचाया जा सका.कोट:-
अगैती मूंग की फसल को बचा लिया गया. किसानों को अच्छा उत्पादन भी मिला. पिछौती मूंग की खेती पर हीट वेब का प्रतिकूल असर रहा. जैसे मूंग की खेती में फली को कम से कम तीन बार तोड़ा जाता है, जबकि गर्मी के कारण अधिकतर किसान एक बार ही तोड़ पाये. हालांकि अभी पूरी तरह से मूंग की फसल जलने की रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट मिलने पर मुख्यालय भेजा जायेगा.अनिल यादव, जिला कृषि पदाधिकारी, भागलपुर
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है