23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Shravani Mela: अजगैवीनगरी में सावन की धूम, अब तक 19 लाख से अधिक शिवभक्त बाबाधाम के लिए हुए रवाना

सावन का महीना 22 जुलाई से शुरू हुआ है और 19 जुलाई को खत्म होगा. अब तक 22 दिन बीते हैं. सावन की चौथी सोमवारी तक सुलतानगंज से बाबाधाम जाने वाले कांवड़ियों की संख्या 19,57,718 हो चुकी है, सरकारी आंकड़ों के अनुसार.

Shravani Mela: सावन की चौथी सोमवारी पर कांवरियों से अजगैवीनगरी सुलतानगंज पूरी तरह पट गयी. उत्तरवाहिनी गंगा जल भर कर 1.42 लाख कांवरिया बाबाधाम रवाना हुए. कई राज्य के कांवरिया सोमवारी को लेकर पहुंचे थे. गंगा के जलस्तर में वृद्धि से गंगा पक्की घाट पहुंच गयी है. अजगैवीनाथ मंदिर में सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा की पूजा-अर्चना किया.

चौथी सोमवारी पर 1.42 लाख शिवभक्त देवघर गये

स्थानापित महंत प्रेमानंद गिरि ने बताया कि भक्त की सुविधा को लेकर मंदिर में विशेष व्यवस्था की गयी थी. हजारों भक्तों ने पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा जल भर कर नाथनगर स्थित बाबा मनसकामनानाथ मंदिर, जेठौरनाथ मंदिर, गोनू धाम में जलार्पण के लिए रवाना हुए. प्रखंड के सभी शिवालय में भक्तों की भीड़ रही. सोमवारी व्रत कर महिलाओं व युवतियों ने बाबा से मनोकामना की. सरकारी आंकड़ा में 1,42,417 कांवरिया बाबाधाम रवाना हुए. हजारो कांवरिया वाहन से बाबाधाम गये. 1850 डाक बम प्रमाण पत्र लेकर बाबानगरी प्रस्थान किये.

क्या है धार्मिक मान्यता

श्रावणी मेला के 22वें दिन कांवरिया व आम भक्तों ने चौथी सोमवारी को बाबा भोलेनाथ पर जलार्पण किया. सावन में उत्तरवाहिनी गंगा जल से बाबा का जलाभिषेक करने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. धार्मिक पुराणों के अनुसार समुद्र मंथन में अमृत व विष निकला. महादेव ने विष का पान कर लिया. विष पान से महादेव के पूरे शरीर में जलन होने लगी, तो स्वयं गंगा को अपने मस्तक से निकाला. भक्त गंगा जल से जलाभिषेक कर उन्हें प्रसन्न करते हैं. महादेव गंगा जल से अति प्रसन्न होते हैं, उत्तरवाहिनी गंगा जल उन्हें अधिक प्रिय है. बाबा रोग, शोक, दुख, कष्ट को दूर कर भक्तों के मनोवांछित फलों की पूर्ति करते है.

ये भी पढ़ें: पूर्णिया में ADM के घर में चोरों ने किया हाथ साफ, 40 मिनट में वारदात को दिया अंजाम

सुलतानगंज से 22 दिनों में 19, 57, 718 कांवरिया गये बाबाधाम

सरकारी आंकड़ा के अनुसार अब तक 22 दिनों में सोमवार तक 19,57,718 कांवरिया बाबाधाम गये. 22 दिन में सुलतानगंज से डाकबम 41218 ने प्रमाण पत्र लिया. श्रावणी मेला में कई कांवरिया जो पैदल नही चलते वह भी चलने लगते हैं. कहते हैं कांवरिया बनने से शिव से जुड़ाव हो जाता है. बाबा बैद्यनाथ तरक्की के रास्ते खोल देते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें