-भारतीय मानक ब्यूरो ने स्वर्ण आभूषणों पर चार साल पहले ही हॉलमार्क कर दिया था अनिवार्य-सिल्क सिटी में गोल्ड के लिए 164 दुकानों व सिल्वर के लिए 20 दुकानों ने लिया है लाइसेंस
प्रभात खास
दीपक राव, भागलपुर
सोना के ग्राहकों को ठगी से बचाने के लिए उपभोक्ता मामले के मंत्रालय के अधीन भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) की ओर से हर स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्क अनिवार्य है. करीब चार साल पूर्व इस आशय का निर्देश जारी हो चुका है. मगर, भागलपुर के स्वर्ण विक्रेता हॉलमार्क के प्रति बेफिक्र हैं. जिले की 5000 से अधिक आभूषण की दुकानों में मात्र 184 ने हॉलमार्क का लाइसेंस लिया है. इनमें गोल्ड का 164 और सिल्वर को लेकर 20 दुकानों ने लाइसेंस लिया है.
अब भागलपुर में दो सेंटर खुले, दी जा रही है नि:शुल्क लाइसेंस की सुविधा
चार साल पहले हॉलमार्क की अनिवार्यता का निर्देश जारी होने के बाद सर्राफा कारोबारियों की परेशानी बढ़ गयी थी. तब भागलपुर में हॉलमार्क सेंटर नहीं था. उन्हें कोलकाता से होलमार्क कराकर आभूषण लाना पड़ता था. ऐसे में कई बार लूट की घटना हो गयी थी. अब भागलपुर में दो सेंटर खुले महीनों बीत गये. हॉलमार्क सेंटर के संचालक आकाश कुमार ने बताया कि अभी दुकानदारों के लिए नि:शुल्क लाइसेंस बनवाने की सुविधा दी गयी है.शहर में है 2000 से अधिक दुकानें और सात बार चला जागरूकता अभियान
हॉलमार्क सेंटर संचालक आकाश कुमार ने बताया कि केवल भागलपुर शहर में 2000 से अधिक आभूषण की दुकानें हैं, जिसमें शोरूम लुक में 100 दुकानें हैं. सोनापट्टी में 1200 से अधिक दुकानें हैं. हॉलमार्क का लाइसेंस लेने के लिए सात बार जागरूकता कार्यक्रम किया गया. पटना से बीआइएस के पदाधिकारी खुद आये थे.दो दुकानों पर आभूषण जब्ती की हुई कार्रवाई
आकाश कुमार ने बताया कि दो दुकानों की जांच में नकली आभूषण बेचने के आरोप की जांच की गयी. यहां सोना-चांदी के आभूषण में मिलावट मिली, तो उसके आभूषण को जब्त करने की कार्रवाई की गयी. फिर बीआइएस के पदाधिकारी ने कभी कोई कार्रवाई नहीं की.———-क्या हैं नियम
मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने इस संबंध में आदेश अधिसूचित कर दिया है. कहा गया है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने 23 जून, 2021 से देश के 256 जिलों में सोने की अनिवार्य हॉलमार्किंग सफलतापूर्वक लागू की. जहां हर दिन हॉलमार्क विशिष्ट पहचान के साथ 3 लाख से अधिक स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्क लगाया जा रहा है. मंत्रालय के अनुसार बीआइएस के एक प्रावधान के तहत सामान्य उपभोक्ता भी बीआइएस द्वारा मान्यता प्राप्त एएचसी पर सोने के आभूषण की शुद्धता की जांच करा सकता है. तीन श्रेणियों के स्वर्ण आभूषणों पर हॉलमार्क निशान अनिवार्य कर दिया है. देश के सभी आभूषण विक्रेताओं को 22, 18 व 14 कैरेट के आभूषणों पर हॉलमार्क निशान लगवाने होंगे.————-क्या है हॉलमार्किंग
हॉलमार्किंग प्रमाणित करता है कि बार या ज्वैलरी में उपयोग की जाने वाली धातु बीआइएस एक्रीडिएशन एजेंसी द्वारा निर्धारित मानक निर्देशों के अनुसार है. बीईएस ज्वैलर्स को लाइसेंस देता है और वे बीआइएस से मान्यता प्राप्त किसी भी तरह के आभूषण और हॉलमार्किंग सेंटर से हॉलमार्क करवा सकते हैं.
क्या कहते हैं सर्राफा संघ के अध्यक्ष
जिनकी बिक्री अच्छी है, उन्होंने लाइसेंस लिया है. 40 से 50 लाख का टर्नओवर वाले कारोबारी ने हॉलमार्क का रजिस्ट्रेशन कराया है. बाकी 10 से 15 लाख के टर्नओवर वाले कारोबारी ने नहीं लिया है. 90 फीसदी दुकानदार की बिक्री बहुत कम है. 50 प्रतिशत दुकानदार भुखमरी के कगार पर हैं. एक मजदूर से कम पैसा कमा रहे हैं. फिर भी जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है.शिव कुमार वर्मा, अध्यक्ष, भागलपुर जिला स्वर्णकार संघ—————
जिले में हजारों दुकानें हैं. भागलपुर पूर्वी बिहार व झारखंड के कुछ जिलों के लिए सर्राफा का बड़ा बाजार है. आभूषण की शुद्धता के लिए हॉलमार्किंग जरूरी है. इसके लिए खुद जागरूकता कार्यक्रम चलाए.चार साल पहले एक दिन में 100 से अधिक दुकानदारों का रजिस्ट्रेशन कराएं. अब तक 184 हॉलमार्क का लाइसेंस लेना शर्मनाक है. इसे लेकर शीघ्र ही छापेमारी अभियान शुरू होगा.प्रशांत कुमार तिवारी, स्टैंडर्ड प्रमोशन ऑफिसर, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड, पटनाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है