बाढ़ का पानी उतरने के बाद अधिकतर सामुदायिक किचन बंद

सामुदायिक किचन को बाढ़ का पानी उतरने पर बंद कर दिया गया है

By Prabhat Khabar News Desk | September 30, 2024 1:05 AM

गोपालपुर, इस्माईलपुर व रंगरा प्रखंड में गंगा नदी में बाढ़ आने के बाद बाढ़ पीड़ितों को पका पकाया भोजन उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर सामुदायिक किचन की व्यवस्था की गयी थी. गोपालपुर प्रखंड में सात जगहों पर, इस्माईलपुर प्रखंड में पांच जगहों पर समुदायिक किचन से बाढ़ पीडितों के भोजन की व्यवस्था की गयी थी. गोपालपुर व इस्माईलपुर के सीओ रौशन कुमार ने बताया कि इन सभी जगहों पर सामुदायिक किचन को बाढ़ का पानी उतरने पर बंद कर दिया गया है. गोपालपुर प्रखंड में मात्र डुमरिया चपरघाट पंचायत में एक जगह सामुदायिक किचन संचालित है. इस्माइलपुर प्रखंड में पांच जगहों पर समुदायिक किचन संचालित था, जिसे बंद कर दिया गया. रंगरा प्रखंड में मुरली गांव में संचालित सामुदायिक किचन को छोड़ कर सभी को बंद कर दिया गया है.सीओ ने बताया कि गोपालपुर व इस्माइलपुर में पांच से सात हजार पॉलीथिन शीट वितरित किया गया है.

चोरहर भवनपुरा पुल के समीप हो रहा भीषण कटाव

कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से चोरह़र तटबंध कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है. कटाव का यही सिलसिला लगातार जारी रहा, तो कभी भी चोरहर तटबंध ध्वस्त हो सकता है. तटबंध ध्वस्त होने से कोसी तटीय इलाकों में भीषण तबाही मचेगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि तटबंध मरम्मत के नाम करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन तटबंध की सूरत नहीं बदली. जियो बैग और एनसी के नाम पर लाखों के न्यारे हुए, लेकिन तटबंधों के हालात नहीं बदले. चोरहर पुल के समीप भीषण कटाव हो रहा है, जिससे चोरहर भवनपुरा पुल संपर्क पथ ध्वस्त होने की संभावना प्रबल हो गयी है. तटबंध ध्वस्त होने से कोसी बाढ़ का पानी दर्जनों गांव में फैल जायेगा और भीषण तबाही मचेगी. सैकड़ों एकड़ में फैली केले व सब्जी की फसल बर्बाद हो जायेगी. जिलाधिकारी ने रविवार को जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता को हिदायत देते हुए 100 मजदूर लगा कर तटबंध के ध्वस्त स्थल पर युद्ध स्तर पर बचाव कार्य करने का निर्देश दिया. ढोरिया दादपुर में स्लूइश गेट के नीचे से तेज रफ्तार से रिसाव हो रहा है, जिसे रोकना जरूरी है. पूर्व मुखिया उमेश पासवान ने कहा कि सहजा धार के स्लूइश गेट से हो रहे रिसाव को रोका जाय, अन्यथा भीषण तबाही मचेगी.

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