कहलगांव के अकबरपुर में 27 फरवरी 2022 में हरेराम पांडेय के तालाब में बोरे में बंद मिला था क्षत-विक्षत शव कहलगांव थाना क्षेत्र के अकबरपुर गांव ऑनर किलिंग मामले में मृत लड़की के माता-पिता समेत तीन को दोषी करार दिया गया है. गांव स्थित एक तालाब से टुकड़े में लड़की का शव बरामद हुआ था. उक्त मामले की सुनवाई जिला व्यवहार न्यायालय के एडीजे 14 विवेक कुमार की अदालत में चल रही है. मामले में आइपीसी की धारा 302, 201 और 34 के तहत मृत लड़की के पिता दीपनारायण रजक, मां टीना देवी और पिता के दोस्त मो फैयाज को दोषी करार दिया गया है. मामले में सरकारी पक्ष की ओर से बहस में हिस्सा ले रहे एपीपी अकबर अहमद खान ने बताया कि मामले में तीनों दोषियों के सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 8 मई 2024 की तिथि का निर्धारण किया गया है. क्या था मामला : कहलगांव थाना क्षेत्र के अकबरपुर गांव स्थित हरेराम पांडेय के पोखर के पास विगत 27 फरवरी 2022 को सुबह करीब सवा 7 बजे टहलते हुए गांव के चौकीदार योगेश पासवान ने देखा कि पानी में एक बोरा फेंका हुआ है और उसमें से सड़ांध आ रही है. घटनास्थल पर पुलिस को बुलाया गया. बोरे को खाेलने पर लड़की के शव के कई टुकड़े मिले, जिसमें सिर, हाथ, पैर व शरीर के अन्य हिस्से अलग अलग पाये गये. जिसके बाद इसकी जांच शुरू की गयी. जांच के क्रम में मृतका की पहचान गांव के ही रहने वाले दीपनारायण रजक की बेटी के रूप में की गयी. पुलिस ने जब मामले में माता-पिता से गहन पूछताछ की गयी तो उन्होंने बेटी की हत्या करने की बात स्वीकार की. उन्होंने पुलिस को जानकारी दी कि एक दिन वे लोग घर से बाहर थे और घर पर उनकी बेटी अकेली थी. लौटने पर उन्होंने देखा कि घर से एक युवक निकल कर भागा. बेटी से जब इस बारे में पूछा तो उसने कोई उत्तर नहीं दिया. जिसके बाद आवेश में आकर उन्होंने बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी. इसके बाद दीपनारायण रजक ने पास के ही बंसपत्ती गांव के रहने वाले अपने मित्र मो फैयाज को बुलाया. और शव के टुकड़े टुकड़े कर छिपाने के उद्देश्य से बोरे में बंद कर उसे पोखर में फेंक दिया था.
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