भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए मातृ-पितृ पूजन जरूरी है. ऐसे कार्यक्रम को व्यापक बनाने की जरूरत है. पश्चात संस्कृति के कारण आज के दिन को लोग दूसरे रूप में याद करते हैं, जिससे अपनी संस्कृति नष्ट होती है. कई संतों ने इस दिन को मातृ पितृ पूजन दिवस के रूप में स्थापित किया है, जिसने आज वृहद रूप में ले लिया है. उक्त बातें स्वामी आगमानंद महाराज ने शुक्रवार को कही. मौका था जागृत युवा समिति के तत्वावधान में लाजपत पार्क में मातृ पितृ पूजन दिवस पर समारोह का.
500 बच्चों ने की माता-पिता की पूजा
मंत्री और विधायक ने किया उद्घाटन
महापौर डॉ वसुंधरा लाल, बिहार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार, विधायक श्रेयसी सिंह के अलावा अर्जित शाश्वत चौबे, डॉ प्रीति शेखर, नभय कुमार चौधरी, गीतराज राजकुमार, पंडित ज्योतिन्द्राचार्य महाराज, अधिवक्ता राजीव सिंह, अंजना प्रकाश, कुंदन बाबा, श्वेता सुमन, जागृत युवा समिति के संयोजक प्यारे हिंद, रोहित पांडेय आदि ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. भजन सम्राट डॉ हिमांशु मोहन मिश्र दीपक जी ने एक से बढ़कर एक भजनों की प्रस्तुति दी. माता-पिता पर समर्पित कई भजनों को सुनाया. संदीप के नेतृत्व में मंच पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए. जागृत युवा समिति के संयोजक प्यारे हिंद ने कहा कि वर्ष 2007 में मातृ-पितृ पूजन दिवस की शुरुआत आसाराम बापू ने की थी. इस मौके पर नीतीश हरिओम, अमित कुमार, आशीष पांडेय, बिल्टज दुबे, रोशन, सरोज वर्मा, नीलराज,अमित ओमकार, अर्णव,सुमित सिंह,सारिका सरोज,संदीप कुमार,विशाल कुमार,रोशन,प्रहलाद, रिंकू वर्मा, साकेत, विक्की, आशीष, मंजेश आदि उपस्थित थे.————–
मातृ पितृ पूजन दिवस पर हवन यज्ञ संपन्नसत्य सनातन वैदिक समाज,नाथनगर द्वारा स्थानीय सामुदायिक भवन चैती दुर्गा स्थान मोहनपुर,नरगा में मातृ-पितृ पूजन दिवस पर संस्कार और संस्कृति विषयक गोष्ठी हुई. पंडित राम प्रसाद वैदिक की अध्यक्षता में संपन्न समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर अध्यक्ष जगतराम साह कर्णपुरी ने किया. मौके पर जवाहरलाल मंडल, आशुतोष कुमार आशीष, प्रणव कुमार, महेंद्र आर्य, देवनंदन बाबा, संतोष आर्य, राजेश कुमार, कुबेर मंडल, सुबंधु आर्य, दिलीप सिंह आदि उपस्थित थे.
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