मां का दूध बच्चों के लिए उपयुक्त आहार
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी होम साइंस विभाग में बुधवार को भारतीय पोषण संघ भागलपुर चैप्टर के संयुक्त बैनर तले विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में संगोष्ठी आयोजित किया गया.
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी होम साइंस विभाग में बुधवार को भारतीय पोषण संघ भागलपुर चैप्टर के संयुक्त बैनर तले विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में संगोष्ठी आयोजित किया गया. कार्यक्रम का विषय वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग विक का थीम क्लोजिंग द गैप : ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल रखा गया था. मौके पर मुख्य वक्ता डाॅ वर्षा सिन्हा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कहा की अपनी भारतीय सभ्यता व संस्कृति को भूलते जा रहे हैं. इसकी जगह पाश्चात्य संस्कृति को अपना रहे हैं. लिहाजा महिलाएं स्तनपान कराने की जगह डिब्बा बंद दूध या अन्य दूसरे विकल्प का सहारा लेती हैं, जो बिल्कुल ही चिंतनीय बात है. ब्रेस्टफीडिंग, योगा, म्यूजिक आदि तो भारतीय संस्कृति का हिस्सा शुरू से ही रहा है. उन्होंने कहा की स्तनपान कराने से बच्चा स्वस्थ और निरोग रहता है. मां का दूध शिशु के लिए उपयुक्त आहार है. यह बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. पूर्व कुलपति प्रो फारुक अली ने कहा की जन्म से लेकर छः माह तक अनिवार्य रूप से शिशु को केवल मां का ही दूध पिलाना चाहिए. इसके अलावे शिशु को और कुछ न दें. डाॅ दीपक कुमार दिनकर ने कहा की मां का दूध प्रकृति का अनुपम उपहार है. मां का दूध शिशुओं को कुपोषण और अतिसार जैसी बीमारियों से भी बचाता है. विभाग की हेड डाॅ शेफाली ने कहा की शिशु के लिए स्तनपान संरक्षण और संवर्धन का काम करता है. स्तनपान बच्चों के लिए सर्वोत्तम उपलब्ध भोजन है और बच्चों की सभी जरूरतों को पूरा करता है. इस दौरान छात्राओं के बीच पोस्टर प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी. इसमें छात्रा सपना रानी को प्रथम, मल्लिका राज को द्वितीय व सॉफ्टी रानी को तृतीय स्थान मिला. मौके पर डाॅ रेणु रानी जायसवाल, डाॅ अंजू सिंह, डाॅ ममता कुमारी सहित छात्राएं आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है