भागलपुर : मोटिवेटर सह वरिष्ठ सीए प्रदीप झुनझुनवाला ने युवाओं को लॉक डाउन में प्रोत्साहित करते हुए कहा कि युवाओं को अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाना होगा. कोशिश करने से ही पहचान मिलेगी. दुनियां उसी कमजोरी के बाद सफलता से पहचानेगी. साथ ही लॉक डाउन में युवाओं को घबराने की नहीं, बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि बच्चों को जब कुछ संबोधन करने या कुछ बोलने के लिए कहता हूं, तो बहुत कम ही बच्चे ऐसे रहते हैं, जो आत्मविश्वास के साथ बोल पाते हैं. कई बार तो बच्चे सही जानकारी रहते हुए भी जवाब नहीं दे पाते. लॉक डाउन में बच्चे आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए प्रेरक प्रसंग को पढ़ें. अभ्यास बढ़ायें. खुद में सकारात्मक चिंतन बढ़ायें.
दरअसल कोई भी व्यक्ति पूर्ण नहीं होता. कुछ अपने रूप रंग, कुछ अपने मोटापे, कुछ अपने दुबलेपन, कुछ अपनी कद काठी इत्यादि को लेकर मन में कुंठा पाले रहते हैं. मैंने जब एक छात्र को कुछ कहने के लिए बुलाया तो बुद्धिमान होने के बावजूद बोल नहीं पाया. बड़ी हौसला अफजाई के बाद पता चला कि वह अपनी शक्ल और मोटापे को लेकर मन में कुंठा पाले था. इसलिए मन में हीन भावना को समाप्त करना होगा. स्वामी विवेकानंद भी जब शिकागो विश्व धर्म सम्मेलन में भाग लेने गये थे, उन्होंने संत वाला लबादा पहन रखा था. जिसे देखकर वहां उपस्थित लोगों ने उनकी काफी हंसी उड़ायी थी, लेकिन जब उन्होंने अपना उपदेश दिया, पूरी दुनिया में उनकी विद्वता का डंका बजने लगा. रोज आइने के सामने खड़े होकर आधे घंटे बोलने का अभ्यास करें. यह आपका कंस्ट्रेशन बढ़ेगा. अधिक से अधिक लोगों से मिलने की कोशिश करें. यह आपके आत्मविश्वास को काफी हद तक आगे बढ़ायेगा. रात को सोते समय अपना आत्मविश्लेषण करें कि उस दिन आपने कहां गलती की और कोशिश करें कि गलती की पुनरावृत्ति न हो.