‘अस्पताल को उठाकर गंगा में बहा दीजिये’, JLNMCH में संसाधनों की कमी पर भड़क गए सांसद
भागलपुर के JLNMCH में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन 20 से 31 जुलाई के बीच करने के लिए अस्पताल प्रशासन जुटा जुटा है. सबसे पहले ओपीडी की शुरुआत होगी. लेकिन इससे पहले अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे सांसद अजय मंडल ने कई खामियां निकाली और भड़क भी गए
Bhagalpur News : भागलपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अजय कुमार मंडल ने शुक्रवार को जेएलएनएमसीएच से संबद्ध सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल व मायागंज अस्पताल का निरीक्षण किया. सांसद ने पहले सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पहुंचकर प्राचार्य डॉ उदय नारायण सिंह, अधीक्षक डॉ राकेश कुमार व नोडल पदाधिकारी डॉ महेश कुमार के साथ मीटिंग की. वहीं सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल को शुरू करने को लेकर तैयारियों की समीक्षा की.
क्यों नाराज हुए सांसद?
मीटिंग के दौरान पता चला कि अब तक अस्पताल में फर्नीचर की आपूर्ति नहीं हुई है. 73 में से 47 मशीनों को इंस्टाल किया गया है. आवंटित पद 47 सीनियर डॉक्टरों में से महज नौ डॉक्टरों व नर्सों के आवंटित 127 पद में से आठ नर्सों की की व्यवस्था हुई है. यहां शुरू होने वाले आठ विभागों में दो-दो जूनियर डॉक्टरों की जरूरत होगी. इसके अलावा एनेस्थेशिया, माइक्रोबायोलॉजी, रेडियोलॉजी समेत अन्य विभाग में डॉक्टर ही नहीं हैं. यह बात सुनकर सांसद काफी नाराज हो गये. सांसद ने कहा कि बिना व्यवस्था के अस्पताल का 20 से 31 जुलाई के बीच कैसे उद्घाटन करेंगे. आधे-अधूरे इलाज के बाद लोकसभा क्षेत्र के लोग सांसद को ही भला बुरा कहेंगे. इससे बेहतर है अस्पताल को उठाकर गंगा में बहा दीजिये.
क्या बोले अस्पताल अधीक्षक
इसके जवाब में अस्पताल अधीक्षक व प्राचार्य ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी राज्य सरकार को लिखित रूप से दी गयी है. सरकार के निर्देश पर ही अस्पताल का उद्घाटन होगा. डॉक्टर व नर्स समेत स्थायी पदों पर बहाली राज्य सरकार करेगी. जब तक पूरे संसाधन नहीं मिलेंगे, तब तक चार विभाग की ओपीडी शुरू की जायेगी. सांसद ने मीटिंग में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बिना अनुमति के मायागंज अस्पताल की सफाई एजेंसी द्वारा कर्मियों की बहाली का मुद्दा उठाया. उन्होंने अधीक्षक को निर्देश दिया कि अवैध वसूली करनेवाली एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाये.
नौ डॉक्टरों ने योगदान दिया
सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में उद्घाटन के बाद ओपीडी की शुरुआत होगी. यहां कार्डियोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रॉलॉजी व न्यूरोलॉजी के मरीजों का इलाज होगा. अब तक राज्य सरकार द्वारा बहाल किये गये 13 में से नौ डॉक्टरों ने योगदान दिया है. इनमें कार्डियो के दो, नेफ्रो, यूरो व न्यूरो सर्जरी के एक-एक चिकित्सक हैं. वहीं प्लास्टिक सर्जरी के चार डॉक्टरों को ट्रॉमा इमरजेंसी में तैनात किया जायेगा.
मायागंज अस्पताल से प्रतिनियुक्ति पर आठ नर्सों की तैनाती होगी. सरकार के निर्देश पर समंता एजेंसी से सुरक्षा गार्ड, उर्मिला एजेंसी से मानव बल व जीविका के माध्यम से सफाई, किचन व लाॅन्ड्री की व्यवस्था होगी. समंता व उर्मिला ने 15 जुलाई तक मानव बल व गार्ड की तैनाती की बात कही है. जीविका को पत्र लिखा गया है लेकिन कोई जवाब नहीं आया है.
अस्पताल शुरू होने में क्या परेशानी
बीते दो वर्ष के दौरान अब तक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का सांसद समेत डीएम, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे कई बार निरीक्षण कर चुके हैं. इस दौरान सीपीडब्ल्यूडी ने अस्पताल का सिविल वर्क पूरा कर लिया है. लेकिन मेडिकल उपकरण व इंटीरियर के सामान की शत-प्रतिशत आपूर्ति दूसरी एजेंसी हाइट्स ने अब तक नहीं किया है. वहीं सबसे बड़ी समस्या 260 स्टाफ की जरूरत है. लेकिन राज्य सरकार डॉक्टरों व नर्स समेत अन्य पद पर बहाली पूरी नहीं कर पायी है. इस कारण बीते एक वर्ष से बनकर तैयार हुए अस्पताल को शुरू नहीं किया जा सका है.
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आयुष्मान कार्ड बनाने के नाम पर उगाही
सांसद ने सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में मीटिंग के बाद मायागंज अस्पताल पहुंचकर संसाधनों की पड़ताल की. उन्होंने अस्पताल के इमरजेंसी विभाग, इंडोर मेडिसीन व हड्डी रोग विभाग के मरीजों से उनकी समस्याएं पूछी. मरीजों व परिजनों ने सांसद के सामने डॉक्टरों व नर्सों के खिलाफ जमकर शिकायत की. दोनों विभागों में कई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं मिले. इनमें हड्डी रोग विभाग के मरीजों से चार से पांच हजार रुपये लेने का मामला सामने आया.
इसपर कहा गया कि बाहर से स्टील के रॉड की खरीदारी के लिए पैसे लिये गये. वहीं आयुष्मान भारत कार्ड बनाने के लिए कई मरीजों ने तीन से चार हजार रुपये लेने की शिकायत की. मौके पर मौजूद अस्पताल प्रबंधक सुनील कुमार ने मरीजों की शिकायत लिखी. वहीं पैसे लेने वाले स्टाफ के पहचान कर कार्रवाई की बात कही गयी.