नाटक में मुक्ति निकेतन घोघा, तो समूह गान में किलकारी श्रेष्ठ

परिधि सृजन मेला 2024 का लाजपत पार्क समीप कला केंद्र में भागलपुर स्थापना दिवस पर शनिवार को समारोहपूर्वक आगाज हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | May 4, 2024 10:04 PM

परिधि सृजन मेला 2024 का लाजपत पार्क समीप कला केंद्र में भागलपुर स्थापना दिवस पर शनिवार को समारोहपूर्वक आगाज हुआ. मेला का उद्घाटन समाजसेवी रामशरण ने की. सृजन मेला में समूह नृत्य, गान, नाटक व एकल अभिनय प्रतियोगिता हुई. इसमें शहरी व ग्रामीण क्षेत्र से बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. नाटक में मुक्ति निकेतन घोघा व समूह गान में बाल भवन, किलकारी के प्रतिभागियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया. परिधि के निदेशक उदय, कलाकेंद्र के प्राचार्य राजीव कुमार, समाजसेवी तकी अहमद जावेद, गायक संजय कुमार, रंगकर्मी चैतन्य प्रकाश, संजीव कुमार दीपू तथा शशि, डॉ शंभू सागर, परिधि के सचिव ललन का विशेष योगदान रहा. समूह गान में द्वितीय स्थान पर डीएवी स्कूल के प्रतिभागी एवं तृतीय स्थान देव भट्टाचार्य ग्रुप को मिला. निर्णायक संजय कुमार तथा डॉक्टर शंभू सागर थे. मुक्ति निकेतन, घोघा ने दुनिया का मेला नाटक का मंचन कर प्रथम स्थान प्राप्त किया, तो लक्ष्मीपुर,बांका के डिवाइन गुरुकुलम ने मैं हूं बेटी का मंचन कर द्वितीय स्थान एवं ममलखा के यासना पब्लिक स्कूल के प्रतिभागियों ने गप्पी-सप्पी नाटक का मंचन कर तीसरा स्थान प्राप्त किया. संजीव कुमार दीपू, चैतन्य प्रकाश तथा शशिकांत निर्णायक मंडल में शामिल थे. समूह नृत्य में रंजना गांगुली तथा निभाष मोदी निर्णायक मंडल में शामिल थे. यासना पब्लिक स्कूल, डिवाइन गुरुकुलम, ताल नृत्य संस्थान, मुक्ति निकेतन घोघा, कला मंदिर आदि ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी. नृत्य में अंगिका, बंगला, हिंदी के लोक तथा शास्त्रीय नृत्यों की धूम रही. प्रवक्ता ललन ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सृजन मेला के मुख्य समारोह आठ, नौ, एवं 10 मई को संध्याकालीन कार्यक्रम में मंच प्रस्तुति का अवसर मिलेगा. समूह नृत्य आठ मई,संध्या 7 बजे से, समूह गान नौ मई,संध्या सात बजे तथा नाटक, एकल अभिनय कार्यक्रम 10 मई,संध्या सात बजे होगा. इसी दिन पुरस्कार वितरण कार्यक्रम होगा. सृजन मेले में दिनकर पुस्तकालय, भागलपुर की ओर से खास तौर पर बच्चों-किशोरों की अभिरुचि के पुस्तकों का एक स्टॉल भी लगाया गया. इस मौके पर तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ योगेंद्र, डॉ श्रीकांत, डॉ अलका सिंह, उज्जवल घोष, नीना एस प्रसाद, डॉ हबीब मुर्शीद, प्रीति कुमारी, सुषमा, महजबी, फणिचंद्र सिंह आदि उपस्थित थे.

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