नदी, पानी, पहाड़ का चित्र उकेर प्रकृति प्रेम को किया प्रदर्शित
परिधि सृजन मेला 2024 के तहत दूसरे दिन रविवार को चित्रांकन प्रतियोगिता, कविता पाठ एवं मंजूषा चित्रकला प्रतियोगिता आदि का आयोजन हुआ.
परिधि सृजन मेला 2024 के तहत दूसरे दिन रविवार को चित्रांकन प्रतियोगिता, कविता पाठ एवं मंजूषा चित्रकला प्रतियोगिता आदि का आयोजन हुआ. कार्यक्रम की शुरुआत पूर्व प्राचार्य दिवंगत रामलखन सिंह गुरुजी एवं उनके शिष्य शिल्पी दिवंगत कृष्ण कुमार को श्रद्धांजलि दे कर की गयी. इसके बाद छात्र-छात्राओं के लिए चित्रांकन प्रतियोगिता हुई. इसमें नदी, पानी, पहाड़, जंगल आदि का चित्र उकेर कर प्रकृति प्रेम को प्रदर्शित किया. उम्र और कक्षा के आधार पर ए, बी, सी, डी समूह में चित्रांकन, कविता पाठ और मंजूषा चित्रकला की प्रतियोगिताएं हुईं. छोटे बच्चों को अपनी इच्छा से चित्र बनाने को कहा गया था, जिसमें उन्होंने अपनी मौलिक भावनाओं को उकेरा. कक्षा दो से चार वाले समूह ने नदी, पानी, पहाड़ विषय पर तथा 5 से 8 कक्षा वर्ग के बच्चों ने मोर, बैल, घोड़ा की पेंटिंग बनायी. 11 वीं व 12 वीं कक्षा के बच्चों को जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग के प्रभावों का चित्रण करने को कहा गया था. बच्चों के अविभावक अपने बच्चों की कला प्रतिभा को चित्रित होते देखने में व्यस्त दिखे. प्रवक्ता ललन ने बताया कि सृजन मेला के मुख्य समारोह के तीन दिन आठ, नौ एवं 10 मई को प्रदर्शनी में इन कलाकृतियों को प्रदर्शित की जायेगी. छोटे बच्चों के समूह ने अपनी इच्छा से बी ग्रुप ने एकल शास्त्रीय नृत्य की प्रतियोगिता जूनियर और सीनियर दो समूहों में निर्धारित थी. पोस्टर निर्माण में भी प्रतिभागियों ने अपनी भावनाओं को प्रदर्शित किया. कलाकेंद्र के प्राचार्य और सृजन मेला संयोजक राजीव कुमार सिंह ने कहा कि कलात्मक अभिरुचि वाला समाज गढ़ने मेंं मददगार होता है. कलाकेंद्र और परिधि के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मेले के मुख्य व्यवस्थापक वरीय चित्रकार जयप्रकाश जेपी ने प्रतिभागियों को विषय की घोषणा की. इस मौके पर एनुल होदा, अर्जुन शर्मा, डॉक्टर अलका सिंह, मृदुला सिंह, दीपप्रिया, डॉ योगेंद्र, चंद्रमोहन, संतोष ठाकुर, रंजना गांगुली, सौरभ, ऋषिका, लाडली, निभाष मोदी आदि उपस्थित थे.
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