नये यंत्रों का हो इस्तेमाल, प्रदूषण की समस्या कम करने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन जरूरी
शनिवार को जिला कृषि कार्यालय परिसर में राज्य कृषि यांत्रिकरण योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के दो दिवसीय जिलास्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का शुभारंभ हुआ.
शनिवार को जिला कृषि कार्यालय परिसर में राज्य कृषि यांत्रिकरण योजना अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 के दो दिवसीय जिलास्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला का शुभारंभ हुआ. मेला का उद्घाटन डीडीसी-सह-प्रभारी डीएम प्रदीप कुमार सिंह एवं निदेशक, जिला ग्रामीण विकास एजेंसी ने संयुक्त रूप से किया. प्रभारी डीएम ने कहा कि परंपरागत खेती में छोटे उपकरणों का उपयोग किया जाता है. वर्तमान में नवीनतम उपकरणों जैसे फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों-रीपर कम बाइंडर, सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर, स्ट्रॉ रीपर, रोटरी मल्चर एवं सुपर सीडर आदि के उपयोग से पराली जलाने की समस्याओं को कम किया जा सकता है. इससे वातावरण में प्रदूषण की समस्या कम होने के साथ मृदा की उर्वरता बनी रहती है, जो किसानों के लिए बहुत उपयोगी है. छोटे-छोटे सीमांत किसानों को सामूहिक खेती करने एवं सामूहिक रूप से यंत्रों का क्रय कर यांत्रिकरण का उपयोग और बेहतर रूप से किये जाने की सलाह दी. अतिथियों का स्वागत डीएओ अनिल यादव व यांत्रिकरण की सहायक निदेशक डॉ लॉलीना ने किया.
तृतीय लॉटरी के माध्यम से 206 किसानों को मिला स्वीकृति पत्र
इससे पहले प्रभारी डीएम ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में कृषि यांत्रिकरण योजना को पारदर्शी बनाने के लिए पहले आओ पहले पाओ के नियम को समाप्त कर अब लॉटरी के माध्यम से लाभुकों का चयन शुरू किया गया है. अनुदानित दर पर कृषि यंत्र क्रय करने के लिए किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदन ओएफएमएएस पोर्टल पर किया जा रहा है. लॉटरी की प्रक्रिया रेंडमाइजेशन सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन किया जाता है. 22 नवंबर को तृतीय लॉटरी के माध्यम से 206 किसानों को स्वीकृति पत्र निर्गत करते हुए यंत्र क्रय करने के लिए लाभुकों का चयन किया गया. इस योजना के तहत विभिन्न कृषि यंत्रों के लिए कोटिवार 5535 फाइनलाइज्ड आवेदन पर कुल 1666 आवेदकों का ऑनलाइन प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय लॉटरी प्रक्रिया द्वारा चयन किया गया. जिसमें तृतीय लॉटरी द्वारा निर्गत स्वीकृति पत्र की वैधता 16 दिसंबर है. स्वीकृति पत्र की वैधता विभाग द्वारा 21 दिन निर्धारित की गयी है.पहले दिन 18 किसानों ने की कृषि यंत्रों की खरीद
डीएओ-सह-संयुक्त निदेशक (शष्य), भागलपुर प्रमंडल ने बताया कि 75 यंत्रों के लक्ष्य के विरुद्ध कुल 46 प्रकार के कृषि यंत्र मुख्यतः सिंचाई के लिए पम्पसेट, छिड़काव के लिए पावर स्प्रेयर, जुताई के लिए रोटावेटर, कल्टीवेटर, डिस्क हैरो, बुआई के लिए जीरोटिलेज सीड ड्रील, फसल की कटाई के लिए रीपर, रीपर-कम-बाइंडर, ब्रश कटर, थ्रेशर, चैफकटर, पोस्ट हार्वेस्ट के लिए राईस मिल, फ्लोर मिल इत्यादि यंत्रों का क्रय किसान जिला में पंजीकृत विक्रेता द्वारा अनुदान राशि काटकर शेष राशि ऑनलाइन माध्यम से भुगतान कर क्रय कर सकते हैं.
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