भागलपुर : सिल्क सिटी की बिजली सप्लाइ सबौर ग्रिड पर निर्भर है. ग्रिड में तकनीकी खराबी से पूरा शहर अंधेरे में डूब जाता है, लेकिन सिल्क सिटी में अब ब्लैक आउट जैसी स्थिति नहीं होगी. बरारी में नया ग्रिड बनाने की मंजूरी कैबिनेट से मिल गयी है. टेंडर की प्रक्रिया अपनायी जाने लगी है. ग्रिड का निर्माण बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड करायेगी और यह 15 माह में बन कर तैयार होगा. इस पर 55 करोड़ के करीब खर्च आयेगा.
नये ग्रिड की क्षमता सौ मेगावाट की होगी, जिससे अधिकतम 70 मेगावाट तक उपकेंद्रों को सप्लाई की जा सकेगी. यह ग्रिड सबौर ग्रिड जैसा होगा. एक लाख 32 हजार वोल्ट की बिजली को 33 हजार वोल्ट में कनवर्ट कर उपकेंद्रों को सप्लाई करेगा. नये ग्रिड की कनेक्टिवी सबौर व गोराडीह ग्रिड से रहेगी. इसमें 50-50 एमवीए का दो पावर ट्रांसफॉर्मर रहेंगे.
बरारी में नये ग्रिड के निर्माण योजना की टेंडर प्रक्रिया अपनायी जा रही है. टेक्निकल बिड तीन जुलाई को खुलेगा. इससे पहले कांट्रैक्टर को टेंडर में भाग लेना होगा. टेंडर डालने की अखरी तिथि दो जुलाई रखी गयी है. कांट्रैक्टरों को टेंडर डालने के लिए बिड डाक्यूमेंट डाउनलोड करना होगा. 17 जून से ऑनलाइन बिड डाक्यूमेंट सेलिंग चालू है. आखिरी तिथि दो जुलाई है.
गैस इंसुलेटेड तकनीक आधारित सब स्टेशन में सल्फर हैक्साफ्लोराइड (एसएफ 6) गैस का उपयोग होता है. इस से इसे इंसुलेट किया जाता है. इसके तहत सर्किट ब्रेकर, बस बार, आइसोलेटर्स, लोक ब्रेक स्वीच, वॉल्टेज ट्रांसफॉर्मर, अर्थिंग स्विच जैसे कई उपकरणों को एक मेटल के हाउस में बंद कर उसमें एसएफ-6 गैस भर दी जाती है. इसमें तकनीकी खराबी कम होती है. यह पूरी तरह से मेंटनेंस मुक्त है. इसे किसी भी वर्कशॉप में असेम्बल करने के साथ ही सब स्टेशन क्षेत्र में ही संयोजित किया जा सकता है.