Bihar: भागलपुर व बांका में स्कूली वाहनों के लिए नये नियम, इन बातों का नहीं रखा ध्यान तो 1 लाख तक जुर्माना

भागलपुर और बांका में स्कूल वाहनों के लिए अब नये नियम बने हैं. प्रमंडल स्तरीय बाल परिवहन समिति की बैठक में कमिश्नर ने कई निर्देश दिये. स्कूली वाहनों पर क्षमता से अधिक बच्चे बैठाने पर एक लाख तक अर्थदंड लगेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | June 14, 2022 12:12 PM

Bhagalpur News: प्रमंडलीय आयुक्त दयानिधान पांडेय ने सोमवार को प्रमंडल स्तरीय बाल परिवहन समिति की बैठक की. आयुक्त ने परिवहन विभाग द्वारा स्कूली बसों को लेकर दिये गये निर्देश का अनुपालन कराने की जिम्मेदारी भागलपुर व बांका जिले के डीएम, डीटीओ व डीइओ को सौंपी. एक माह के अंदर अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है. अनुपालन नहीं करने की स्थिति में एक लाख रुपये तक का अर्थदंड स्कूल प्रबंधन को भुगतना पड़ेगा. अर्थदंड का प्रावधान परिवहन विभाग ने किया है.

स्कूली वाहनों के लिए निर्देश

बच्चों को ढोनेवाले सभी स्कूली वाहनों में बैठने की क्षमता अंकित करने और क्षमता से अधिक बच्चे नहीं बैठाने का निर्देश दिया गया. जो भी निजी वाहन स्कूल के बच्चों का परिचालन करता हो, ऐसे सभी वाहन स्वामी संबंधित विद्यालय से विधिवत तरीके से समझौता करेंगे. इसकी जांच नियमित रूप से की जायेगी.

सभी स्कूल वाहनों पर ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ लिखा जाना अनिवार्य

सभी स्कूल वाहनों पर संबंधित विद्यालय का नाम और ‘ऑन स्कूल ड्यूटी’ लिखा जाना अनिवार्य होगा. सभी स्कूली बसों में मेडिकल बॉक्स रखना अनिवार्य होगा. विभागीय मानक के अनुसार बसों के परिचालन गति नियंत्रण के लिए स्पीड गवर्नर लगाया जाना अनिवार्य होगा. दिव्यांग बच्चों के बस पर चढ़ने व उतरने के लिये शत-प्रतिशत स्कूली वाहनों में व्यवस्था किया जाना है. विद्यालय प्रबंधन सभी बच्चों को बस परिचालन के क्रम में ‘क्या करना है क्या नहीं करना है’ की शिक्षा देंगे.

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हर दिन बनी रहती है खतरे की आशंका

कई स्कूली बसों पर क्षमता से अधिक बच्चों को लाद कर स्कूल ले जाया जाता है. कई टेंपो पर बिना गार्ड रॉड के बच्चों को बैठा कर ले जाया जाता है. अधिकतर स्कूली बसों पर मेडिकल बॉक्स नहीं रहता है. जिन स्कूलों में बाहरी वाहनों से बच्चों को लाया जाता है, उनके ऊपर किसी तरह का अंकुश नहीं रहता है.

विभिन्न वाहनों से परिचालन

जिले में निजी स्कूलों के बच्चों को पहुंचाने और लाने के लिए विभिन्न वाहनों का उपयोग किया जाता है. रिक्शा, कार, टेंपो, बस से बच्चे स्कूल जाया करते हैं. कुछ स्कूल ऐसे भी हैं, जिनके पास अपना वाहन नहीं है. ऐसे स्कूल के बच्चों निजी रूप से चलनेवाले वाहनों के सहारे स्कूल जाते हैं.

हाल की घटनाएं

  • नौ फरवरी 2016 को एक निजी स्कूल की बस नवगछिया इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इस पर सवार नौ बच्चे घायल हो गये थे.

  • 14 अप्रैल 2016 को एक निजी स्कूल की बस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इस पर सवार चौथी कक्षा के एक बच्चे की मौत हो गयी थी.

  • भागलपुर शहर में ही बच्चों को ले जा रहे मारुति वैन में सिलिंडर ब्लास्ट होने की घटना हुई थी. इसके अलावा भी कई घटनाएं हुईं.

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Posted By: Thakur Shaktilochan

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