अब नववर्ष सांस्कृतिक मेला कलाकेंद्र में ही लगेगा. उक्त निर्णय गुरुवार को कला केंद्र में सांस्कृतिक समन्वय समिति की ओर से हुई बैठक में लिया गया. संयोजक उदय ने अध्यक्षता की और कहा कि एक जनवरी को नववर्ष सांस्कृतिक मेला का उद्देश्य जनसरोकार से जुड़ा सांस्कृतिक आयोजन करना है. उज्जवल कुमार घोष ने कहा कि नववर्ष आयोजन के नाम पर कई कार्यक्रम में फूहड़ नृत्य, अश्लीलता, नशाखोरी की जाती है. यह समाज के लिए घातक है. नववर्ष का आयोजन ऐसा होना चाहिए, जिससे युवाओं और बच्चों में नये वर्ष को लेकर नयी जोश, उमंग और समाज परिवर्तन की चेतना विकसित हो. गौतम कुमार ने कहा कि आज नव वर्ष साझी संस्कृति का हिस्सा हो गया है जिसे हर धर्म, के लोग मनाने लगे हैं. जयप्रकाश कुमार ने कहा कि पिछले 30 वर्षों से सांस्कृतिक समन्वय समिति नव वर्ष सांस्कृतिक मेला का आयोजन कर रहा है. पर नगर निगम प्रशासक द्वारा सैंडिस कंपाउंड में जगह नहीं देने के बाद पिछले तीन वर्षों से इस आयोजन को कला केंद्र में ही किया जा रहा है. ललन ने कहा कि कला संस्कृति आम लोगों की आवाज बने. कला केंद्र के प्राचार्य राजीव कुमार सिंह ने कहा कि नव वर्ष सांस्कृतिक मेला 2025 में माध्यम और हल्का ए अदब द्वारा कविता व मुशायरा, परिधि और जनप्रिय द्वारा नाटक एवं गीत की प्रस्तुति, कला केंद्र द्वारा चित्र प्रतियोगिता आदि करने का निर्णय हुआ. मुक्ति निकेतन घोघा, आलय, रंग-तरंग, जनप्रिय, एकता नाट्य मंच, शरण्या नृत्य कला केंद्र आदि ने भी कार्यक्रम की सहमति दी है. इस अवसर पर नीना एस प्रसाद, चंद्र मोहन, शशि शंकर, उदय,उज्जवल कुमार घोष, गौतम कुमार, ललन, जयप्रकाश कुमार, नीलांजना, आकांक्षा कुमारी कृषिका गुप्ता, राजीव कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.
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