Bhagalpur News: एक ही क्लास रूम में पढ़ रहे पहली से पांचवीं तक के बच्चे, शिक्षक किसे संबोधित कर रहे पता नहीं
Bhagalpur News: भागलपुर में एक ऐसा स्कूल है, जहां पर एक ही क्लास रूम में पहली से पांचवीं तक के बच्चे बेठकर पढ़ते है. शिक्षक किसे संबोधित कर रहे छात्रों को पता नहीं चल पाता है.
Bhagalpur News: भागलपुर के परबत्ती स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पठन-पाठन में परेशानी सामने आ रही है. स्कूल के एक कमरा में ही पांच क्लास तक के बच्चे बैठ कर पढ़ाई करते हैं. ऐसे में शिक्षकों को भी पढ़ाई कराने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, विद्यालय में पठन-पाठन के लिए दो कमरा है. एक ग्राउंड स्तर पर और दूसरा कमरा प्रथम मंजिल पर स्थित है. यहां क्लास एक से पांच तक की पढ़ाई होती है. नामांकित विद्यार्थियों की संख्या कुल 77 है. इसमें प्रतिदिन 60 फीसदी से ज्यादा बच्चों की उपस्थिति क्लास में होती है. लेकिन, स्कूल में जगह की काफी कमी है. जब सभी बच्चे स्कूल आ जाते हैं, तो जगह की कमी के कारण एक ही कमरा में एक से पांच क्लास तक के बच्चों को एक साथ बैठा दिया जाता है. ऐसे में शिक्षकों को पढ़ाई कराने में असुविधा होती है. स्कूल में दो ही शिक्षक हैं. जबकि, यहां पांच शिक्षकों की जगह है.
बच्चों ने कहा, बैठने में होती है परेशानी
स्कूल के बच्चों का कहना है कि उनलोगों को एक कमरा में पांच क्लास तक के बच्चों को एक साथ बैठाने पर पढ़ाई करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है. ऐसे में समझ नहीं पाते हैं कि शिक्षक किस क्लास के बच्चों को संबोधित कर रहे हैं. बच्चों ने कहा कि स्कूल में और कमरा बढ़ायी जाये, ताकि एक से पांच क्लास तक के बच्चों को अलग-अलग बैठा कर पढ़ाई कराया जा सके.
क्लास रूम को कार्यालय बना करते हैं काम
स्कूल में शिक्षकों के बैठने के लिए अलग से कोई कमरा नहीं है. क्लास रूम को ही कार्यालय बना लिया गया है. विभाग संबंधित मीटिंग भी होती है. टिफिन के समय शिक्षक उसी क्लास में भोजन भी करते हैं. दूसरी तरफ स्कूल के बरामदा पर ही बच्चों को मध्याह्न भोजन करायी जाती है. स्कूल में समरसेबल बोरिंग से पेयजल की व्यवस्था की जाती है.
प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार ने कहा कि स्कूल में जगह की कमी है. क्लास रूम भी कम है. ऐसे में सभी क्लास के पूरे बच्चे आने पर जगह की कमी हो जाती है. बच्चों का पढ़ाई बाधित नहीं हो इसलिए सभी क्लास के बच्चों को एक कमरे में बैठा कर पढ़ाई करायी जाती है. ऐसा कभी-कभी ही होता है. क्लास रूम की कमी को लेकर शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया है.