बिहार के इस सड़क की पहचान है मिट्टी भरे गड्ढे और उड़ती धूल, संभल कर चलें, हाइवे है खतरनाक
Bihar NH 30: बिहार के भागलपुर से कहलगांव सड़क मार्ग से जाना लोगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. पिछले 2 साल में महज 40 फीसदी ही निर्माण कार्य हो सका है.
Bihar NH 30: बिहार के भागलपुर से कहलगांव का सफर दुश्वारियों में तब्दील है. हाईवे बनाने का काम दो साल बाद भी अधूरा है और लोगों के आंखों में धूल झोंकते इस मार्ग में गड्ढे ज्यादा सड़क कम है. दरअसल, ठेकेदार को दो साल पहले सड़क निर्माण का काम मिला, जिसके बाद उसने टुकड़ों में सड़क बनायी है. जितनी दूर तक सड़क नहीं बनी है, उससे कहीं ज्यादा गड्ढे और सिंगल सड़क है. छोड़-छोड़ कर सड़क बनाने से दुर्घटना की संभावना बनने लगी है. दरअसल, जिस-जिस जगह पर पीसीसी सड़क बनी है, वहां फ्लैक नहीं रहने से गाड़ियों को पांच फीट गड्ढों में पलटने का खतरा रहता है. सड़क बनाने का काम पूरा करने का समय नवंबर में ही खत्म हो गया है. सबसे ज्यादा खराब स्थिति जीरोमाइल से ममलखा के बीच है. हाइवे का निर्माण दो साल में 40 फीसदी हुआ है और बाकी 60 फीसदी बनाने के लिए जुलाई तक का दावा किया गया है, लेकिन काम का रफ्तार काफी धीमी है.
डेडलाइन फेल होने के बाद बाबूपुर में बन रही सड़क
डेडलाइन फेल होने के बाद बाबूपुर मोड़ में सड़क बनायी जा रही है, लेकिन बाकी जगहों पर सड़क बनना तो दूर, कई पुल-पुलिया तक नहीं बन सका है. सबौर में पुलिया बनाने के लिए सिर्फ गड्ढा खोदा गया है. यहां सिंगल रोड से वाहनों को आवागमन हो रहा है. दूसरी पुलिया सबौर से बाहर बना है, लेकिन इसके दोनों तरफ सड़क नहीं बनी है. तीसरी पुलिया के पास भी सिंगल रोड है. यहां एक लेन नीचा तो दूसरा लेन ढलाई की वजह से ऊंचा हो गया है. चौथा पुलिया अधूरी है और सड़क भी नहीं बनी है. पांचवें पुलिया के पास भी कुछ यही हाल है. छठा पुलिया तो बन गया है, लेकिन सड़क इससे दूर जाकर एक साइड में बना है. इससे आगे सिर्फ फ्लाइ ऐश बिछा कर छोड़ दिया गया है. यहां से आगे कुछ दूरी पर दोनों तरफ पीसीसी ढलाई हुई, लेकिन फ्लैंक का निर्माण नहीं कराया गया है. सातवां पुलिया बनाया गया सड़क निर्माण के नाम पर सिर्फ फ्लाइ ऐश बिछाकर छोड़ा गया है. काम कम और बहानेबाजी ऐसी है कि इंग्लिस मोड़ के पास पुल का फाउंडेशन तक नहीं बना है. पुल का काम चल रहा है. इसको पूरा होने में महीनों लग जायेगा.
मसाढू पुल निर्माण के लिए अब तक कोई कोशिश नहीं
भागलपुर-मिर्जाचौकी हाइवे निर्माण के प्रोजेक्ट में मसाढू पुल भी शामिल है. इसका निर्माण आठ साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है. मसाढू में 150 साल पुराने पुल में दरार 2016 में आया तो इसे ध्वस्त करा दिया गया था. तब पुल निर्माण के लिए सात करोड़ की राशि निर्धारित की गई थी. बाद में इस प्रोजेक्ट को विड्रॉ कर लिया गया और मुंगेर-मिर्जाचौकी के बीच 39 करोड़ से सड़क का निर्माण पलक इंफ्रा नामक पटना की एजेंसी से कराया गया. इस एजेंसी से भी मसाढू पुल का निर्माण नहीं कराया. अब यह नयी एजेंसी से सड़क बनवायी जा रही है, लेकिनवह भी अब तक मसाढू पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं कर सका है.
मसाढू से ममलखा तक घरों से ऊंची बना दी गयी सड़क
मसाढू से लेकर ममलखा तक के लोगों को बेहतर हाईवे की सुविधा तो मिलेगी, लेकिन इसका पछतावा जिंदगी भर रहेगा. दरअसल, पुरानी सड़क तोड़कर नहीं बनायी गयी है, उसी पर ढलाई कर दी जा रही है. नाला का निर्माण भी सड़क से काफी ऊंचा किया गया है. इस कारण लोगों का घर सड़क से नीचे हो गया है. जिससे लोगों को बरसाती पानी से परेशानी होगी. ममलखा में तो यह हाल है कि एक साथ पुलिस पिकेट, स्कूल, पानी टंकी और मंदिर सड़क से काफी नीचे हो गया है.
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने क्या बताया
एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बृजनंदन कुमार ने बताया कि हाइवे का निर्माण छोड़-छोड़ करने की वजह से कार्य एजेंसी को नोटिस दिया जा रहा है. डीसीएलआर के यहां से कुछ लोगों को पेमेंट नहीं हुआ है, इस वजह से डायवर्सन नहीं बन सका है. इसी कारण मसाढू पुल का काम शुरू नहीं हुआ है. इसे जल्द शुरू किया जाएगा.
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