स्टैटिक लोड से विक्रमशिला सेतु की सेहत पर पड़ सकता असर, एनएच विभाग ने भेजा रिमाइंडर

विक्रमशिला सेतु हमेशा से रखरखाव के मामले में उपेक्षित रहा है. यह पुल किसी एक विभाग के पास स्थिर से नहीं रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 29, 2024 12:44 AM

मेंटेनेंस कार्य का प्रपोजल मिनिस्ट्री में है लंबित, स्वीकृति मिले बिना मेंटेनेंस कराना मुमकिन नहींवरीय संवाददाता, भागलपुर विक्रमशिला सेतु हमेशा से रखरखाव के मामले में उपेक्षित रहा है. यह पुल किसी एक विभाग के पास स्थिर से नहीं रहा है. पहले पुल निर्माण निगम, भागलपुर और इसके बाद खगड़िया और फिर से पुल निर्माण निगम, भागलपुर को फेरबदल होते रहा है. अभी हाल में इसके रखरखाव की जिम्मेदारी एनएच विभाग को दी गयी है. जब से सेतु हस्तांतरित होकर एनएच विभाग के पास आया है, तभी से वह चिंतित है. एक तरफ रखरखाव करने की जिम्मेदारी भी तय कर दी है, दूसरी तरह प्रपोजल को लंबित रखा है. इससे विभाग की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. यही नहीं, जाम के दौरान सेतु पर स्टेटिक लोड से इसके सेहत पर भी असर पड़ने की आशंका बनने लगी है. यह देख विभाग ने चीफ इंजीनियर को रिमाइंड भेजा है और अनुरोध किया है कि यथाशीघ्र भेजे गए प्रपोजल को स्वीकृत किया जाये, ताकि बाढ़ का पानी कम होने पर पुल का मरम्मत करायी जा सके. पहले तो केंद्र और राज्य के बीच महीनों फंसा रहा पुल पहले तो मेंटेनेंस कार्हय को लेकर पुल केंद्र और राज्य के बीच में फंसा रहा. मिनिस्ट्री यह कह कर इंकार करता रहा कि इसका मेंटेनेंस राज्यांश मद से होगा. नेशनल हाइवे को हस्तांतरित को लेकर राज्यांश मद से मेंटेनेंस करने काे तैयार नहीं हुआ, तो सहमति बनी और प्रपोजल मांगा. अभी यह प्रपोजल महीनों से मिनिस्ट्री में लंबित है. छह साल पहले खर्च हुए थे 14 करोड़, फिर सिर्फ होता रहा ऊपरी तौर पर मेंटेनेंस विक्रमशिला सेतु का मेंटेनेंस कार्य छह साल पहले करीब 14 करोड़ की राशि से करायी गयी थी. इसके बाद सेतु का मेंटेनेंस सिर्फ ऊपरी तौर पर होता रहा. इसकी सिर्फ सड़कें बनती रही है और जमा बालू को हटाया जा रहा है. बॉल-बियरिंग बदली होने के बाद इसकी जांच फिर से नहीं करायी गयी है. यही नहीं, दरार पर जो कार्बन प्लेट चिपकाया गया है, उसकी भी जांच दोबारा नहीं हो सकी है. कोट विक्रमशिला सेतु का मेंटेनेंस कराना तो जरूरी है लेकिन, प्रपोजल को अब तक स्वीकृति नहीं मिली है. चीफ इंजीनियर को रिमाइंडर पत्र भेजा गया है और स्वीकृत कराने का अनुरोध किया है. बृजनंदन कुमार, कार्यपालक अभियंता राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, भागलपुर

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