निफ्ट के विद्यार्थियों का दल सती बिहुला के मायका पहुंचा
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं का दल शुक्रवार को सती बिहुला का मायका पहुंचा.
नवगछिया में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी के छात्र-छात्राओं का दल शुक्रवार को सती बिहुला का मायका पहुंचा. देश के अलग-अलग राज्यों से निफ्ट के 32 छात्र-छात्राओं का दल दो प्रोफेसर के साथ मंजूषा पेंटिंग पर रिसर्च के लिए पहुंचा. सबसे पहले महदतपुर और तेतरी गांव में मंजूषा कलाकारों से भेंट कर नवगछिया बाजार स्थित बिहुला विषहरी मंदिर पहुंचे. करीब 20 मंजूषा कलाकारों से मंजूषा की बारीकी से अध्ययन किया. मंजूषा की मूल नायिका बिहुला के बारे में जानकारी हासिल की. मंजूषा के तीन रंग व मंजूषा के बोर्डर के विशेषता से अवगत हुए. भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान की निगरानी में आयी टीम का स्वागत मंजूषा कला से जुड़े मुकेश राणा ने किया. उन्होंने कहा कि मंजूषा पेंटिंग के बारे में देश के कई राज्यों के लोगों का नवगछिया आगमन गर्व की बात है. सभी छात्र- छात्राओं ने मंदिर के संस्थापक बिमल किशोर पोद्दार से बिहुला गीत को बड़े चाव से सुना. प्रो राजेश ठाकुर ने कहा कि मंजूषा कलाकार मंजूषा पेंटिंग को नवगछिया की बेटी बिहुला से जुड़े होने से सभी भावनात्मक भाव रखते है. ऐसे कलाकारों को प्रोत्साहन की आवश्यकता है. मंजूषा पेंटिंग में नवगछिया के कलाकार बहुत अच्छा कर सकते हैं. निफ्ट की छात्रा रिचा नवगछिया से जुड़ी मंजूषा की सभ्यता के बारे में जाना. छात्रा प्रार्थना रस्तोगी ने बताया कि मंजूषा पेंटिंग के कलाकारों को सहयोग की आवश्यकता है. मंजूषा और मनसा देवी के बारे में जानकारी मिली. छात्र चंदन राज ने बताया कि यहां आकर मंजूषा की कहानी से रुबरू हुए. वस्त्र की दुनिया में मंजूषा पेंटिंग से रोजगार का सृजन हो सकता है. मौके पर मंजूषा कलाकार अश्विनी आनंद, खुशी, नीतू, कंचन, पंच लाल शर्मा, अंजली, करुणा, पूनम, सोनी, रूबी, कविता, अमृता, निशा, साक्षी, मुस्कान, माही मनीषा सहित अन्य उपस्थित थी.
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