तीसरी पास हैं निसार, बनाते हैं एक से एक डिजाइन के घर

हबीबपुर अंजाननगर के तीसरी पास मो निसार इन दिनों स्कॉर्पियो के डिजाइन का घर बना कर चर्चा में हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 3, 2025 9:37 PM

-हबीबपुर अंजाननगर के राजमिस्त्री मो निसार को डिजाइनर घर बनाने में है महारत हासिल, 12 साल की उम्र से मकान बनाने का कर रहे हैं काम

प्रभात खास

दीपक राव, भागलपुर

हबीबपुर अंजाननगर के तीसरी पास मो निसार इन दिनों स्कॉर्पियो के डिजाइन का घर बना कर चर्चा में हैं. अब तक घोघा, सबौर, पीरपैती में घर की छत पर स्कॉर्पियो की प्रतिकृति बनाकर लोगों को हैरत में डाल रहे हैं कि यह असली है या नकली. डिजाइनर घर, मंदिरों व मस्जिदों में जरूरत के अनुसार नक्काशी करने का महारत हासिल है.

कला व हुनर का कमाल

मो निसार ने बताया कि उनके पिता रिक्शा चलाते थे. घर की माली हालत खराब थी, तो एकचारी नारायणपुर निवासी मामा मो सफिरुद्दीन के साथ राजमिस्त्री का काम 12 साल की उम्र में करने लगे. फिर मकान निर्माण के साथ डिजाइन बनाने की कला प्रैक्टिस करके सीखी. उन्हें एक विद्वान ने बताया कि सब कुछ खत्म हो सकता है लेकिन कला व हुनर कभी नहीं मरती. इन्हीं वाक्य को गांठ बांधकर डिजाइन सीखने लगा. अब तक सहरसा में बिना सरिया के मस्जिद का बड़ा गुंबद, अलीगंज स्थित दुर्गा मंदिर की दीवार में देवी-देवताओं की प्रतिकृति व प्रकृति की डिजाइन बनायी. गंगटी के हनुमान मंदिर में मोर, गंगटी में बड़े मकान में आकर्षक डिजाइन तैयार किया. आसपास के लोग ही नहीं, बल्कि बाहर के लोग भी पूछने आते हैं, यह किसने बनाया.

कुछ लोग उनकी कला को आगरा के कलाकार का बता कर रहे गुमराह

मो निसार ने बताया कि 54 साल की उम्र में एक नौकरी पेशा वालों की तरह प्रति माह 40 हजार रुपये तक कमा लेते हैं, लेकिन इस बात का मलाल है कि कई लोग उनकी डिजाइन को दूसरे महानगर और दूसरे प्रदेश के कलाकार की बताकर आमलोगों को गुमराह करने लगे हैं. जबकि डिजाइन बनाने के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं लेते. जितनी मजदूरी होती, उतना ही खर्च लेते हैं. कला की पूछ होती है, तो खुशी होती है.

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