-नोटा का बटन दबाने वालों की नजर में लोकसभा क्षेत्र से एक भी प्रत्याशी सुयोग्य नहींब्रजेश, भागलपुर
मतदान में नोट का विकल्प ताकतवर साबित हो रहा है. यह चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों के लिए चुनौती देता दिख रहा है. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मत पाने वालों में नोटा तीसरे स्थान पर रहा. वोट हासिल करने में नोटा ने मैदान में उतरे 12 प्रत्याशियों में दस को पछाड़ा. इससे यहां यह स्पष्ट हो रहा है कि नागरिकों ने अपना असंतोष व्यक्त किया है.सियासी दलों को जवाबदेह बनाता है नोटा
नोटा का विकल्प सियासी दलों को प्रत्याशी के चयन के प्रति जवाबदेह बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. राजनीतिक दल लगातार गलत प्रत्याशियों को मैदान में उतारते हैं तो नोटा का बटन दबाकर मतदाता अपना विरोध दर्ज करा सकते हैं. बेशक, इसकी शुरूआत कुछ साल पूर्व हो चुकी है, लेकिन अब धीरे-धीरे ही सही अपनी उपयोगिता साबित करता दिख रहा है.नोटा है क्या
चुनाव मैदान में खड़े उम्मीदवार जब पसंद के नहीं हो तो आखिर किसे वोट दिया जाये. यह एक गंभीर प्रश्न मतदाताओं के सामने रहता है. मत देना एक मौलिक दायित्व है. ऐसे में मैदान उतरा कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं हो तो नोटा का विकल्प चुन सकते हैं. भारत में 2014 के लोकसभा चुनाव में नोटा के विकल्प की सुविधा मतदाताओं को चुनाव आयोग ने उपलब्ध करायी थी.
बॉक्स मैटरपोस्टल वोट पाने में अव्वल रहे अजीत शर्मा
लोकसभा चुनाव में कुल 2467 पोस्टल वोट भी पड़े हैं. लोगों द्वारा किए गए पोस्टल वोट ऐसे तो सभी 13 प्रत्याशियों को मिला है लेकिन, इसमें अव्वल अजीत शर्मा रहे हैं. इन्हें विजेता अजय कुमार मंडल से भी ज्यादा पोस्टल वोट मिले हैं. अगर अजय कुमार मंडल को 1108 पोस्टल वोट मिले हैं, तो सर्वाधिक अजीत शर्मा को 1138 वोट आया है.
बॉक्स मैटर
10 प्रत्याशियों का वोट अकेले अजीत शर्मा को मिलता तो भी नहीं बन पाते विजेताइस चुनाव में अगर नोटा के साथ 10 अन्य प्रत्याशियों का वोट भी अजीत शर्मा को मिल जाता, तो भी वह विजेता नहीं बन पाते. क्योंकि, नोट सहित 10 प्रत्याशियों को मिलने वाला मत 96,667 है. जबकि, विजेता और उपविजेता के बीच 01 लाख 04 हजार 868 मतों का अंतर है.
जानें, नोटा को कितना मिला वोट
नोटा :
इवीएम में : 31771पोस्टल में : 32
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