प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भागलपुर आगमन को लेकर कृषि विभाग की ओर से तैयारी शुरू हो गयी है. इसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से चलायी जा रही कृषि योजनाओं को धरातल पर उतारने व सुधार को लेकर तेजी से कार्य किया जा रहा है. विभाग के कर्मचारियों ने पीएम किसान सम्मान निधि के लाभुकों की जांच में 300 फर्जी पाये गये. उनसे पैसे की वापसी के लिए रिकवरी नोटिस भेजा गया.
नियम के बाहर जाकर सम्मान निधि लेने वालों में अधिकतर पीरपैंती केजिले में दो लाख 54 हजार किसानों में 900 किसानों का ई केवाईसी नहीं कराया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने बताया कि किसान सलाहकार व संबंधित कृषि समन्वयकों से अपडेट लिया जा रहा है, ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले किसी तरह की त्रुटि व योजना को धरातल पर उतारने में कमी नहीं रह जाये. फर्जी किसानों की जांच करके, उन्हें बाहर किया जारहा है. पीएम किसान सम्मान निधि के लिए नियम है कि एक ही घर से पति-पत्नी को इसका लाभ नहीं मिलेगा. जिनके घर में सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं दिया जा सकेगा. कुछ जरूरी नियमों के अनुसार ही वैसे किसानों का वेरिफिकेशन किया जा रहा है, जो कि इन नियमों के बाहर जाकर सम्मान निधि का लाभ रहे हैं, तो उन्हें बाहर किया जा रहा है. 300 फर्जी किसानों को सम्मान निधि की रिकवरी के लिए नोटिस भेजा गया है. इसमें अधिकतर किसान पीरपैंती में मिले हैं, जो कि नियम के बाहर जाकर सम्मान निधि का लाभ ले रहे हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के लिये किसान का आधार एनपीसीआई से लिंक होना अनिवार्य है. अभी तक जिन किसानों के आधार एनपीसीआई से लिंक नहीं है, उसमें लगभग 5000 किसान शामिल हैं. जिला कृषि पदाधिकारी अनिल यादव ने वैसे किसानों को शीघ्र एनपीसीआइ से लिंक करा लें. उन्होंने रजिस्टर्ड किसानों को आधार से भी अपना रजिस्ट्रेशन लिंक कराने की अपील की है.
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