अब रोजगार का साधन हो गया है श्रावणी मेला

श्रावणी मेला में लाखों कांवरियों के आगमन से हजारों लोगों को रोजगार का साधन मेला क्षेत्र में हो जाता है

By Prabhat Khabar News Desk | August 8, 2024 1:36 AM

श्रावणी मेला में लाखों कांवरियों के आगमन से हजारों लोगों को रोजगार का साधन मेला क्षेत्र में हो जाता है. चार दशक पूर्व कांवरिया की इतनी संख्या नहीं होने से रोजगार का साधन नहीं बन पाता था. अब सुलतानगंज से पूरे कांवरिया पथ तक हजारों परिवार श्रावणी मेला पर आश्रित हैं. पहले से माहौल बदल गया. अब सुलतानगंज के श्रावणी मेला में बदलाव हो गया है. चार दशक बाद आश्चर्यजनक परिवर्तन हुआ है. मेला में हिंदू-मुस्लिम एक समान सेवा भाव से लगे रहते हैं. गंगा रिवर फ्रंट बनाने की योजना के बाद मेला का और अधिक विस्तार होगा.

बाल गोविंद सिंह, रिटायर्ड प्रधानाध्यापक, तिलकपुर, सुलतानगंज.

गंगा धाम फिल्म के बाद मेला में बढ़ी कांवरिया की संख्या

श्रावणी मेला में 40-50 साल पूर्व की यात्रा काफी कष्ट दायक थी. कांवरिया तेज धूप से प्राय: शाम में कांवर यात्रा आरंभ करते थे. सड़क के किनारे गुमटीनुमा दुकानें थी, बस वहीं चाय-पान करते थे. खाने की सामग्री बांध कर चलते थे. आसपास के गांव के लोग जल सेवा करते और डाक बम का विशेष ख्याल रखते थे. कांवरिया विद्यालय के बरामदे, धर्मशाला या वृक्ष के नीचे विश्राम करते थे. वर्ष 1980 में गंगा धाम फिल्म बनी. फिल्म में अरुण गोविल, शक्ति कपूर, नमिता के साथ सुलतानगंज के कुछ कलाकारों को शामिल किया गया था. उस समय सुईया पहाड़, जिलेबिया मोड और बरसाती नदी को पार करना काफी खतरनाक था. चोर-उच्चकों का डर बना रहता था. गंगाधाम फिल्म के बाद धीरे-धीरे कांवरिया की संख्या में इजाफा होने लगा. आज हर दिन लाखों कांवरिया चलते हैं. कांवरिया के लिए सरकारी स्तर पर अधिकतर सुख-सुविधा और सुरक्षा हर मोड़ पर उपलब्ध है.

सुधीर कुमार प्रोग्रामर, प्रदेश महासचिव, अखिल भारतीय अंगिका साहित्य कला मंच (बिहार),सुलतानगंज.

सड़क दुर्घटना में दो कांवरिया जख्मी

तीन विभिन्न स्थानों से कांवरिया को रेफरल अस्पताल से बुधवार को रेफर किया. झारखंड जमुरिया के कांवरिया गिरधारी राय टेंपो से गिरने के कारण गंभीर रूप से जख्मी हो गया. पूर्णिया की कांवरिया नूतन देवी टोटो पलटने से गंभीर रूप से जख्मी हो गयी. रेफरल अस्पताल से मायागंज,भागलपुर रेफर किया गया. अरवल के एक कांवरिया अश्विनी कुमार को मिर्गी का दौरा आने के कारण रेफरल अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए मायागंज भागलपुर रेफर किया गया.

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