प्रतिनिधि, पीरपैंती
गोड्डा-पीरपैंती रेल लाइन निर्माण परियोजना के लिए झारखंड सीमा से बिहार तक नौ किमी रेल पटरियों को बिछाने के लिए अधिग्रहित की जानेवाली रैयतों की जमीन का डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों ने भौतिक सत्यापन किया. उनके साथ रेल विभाग के अभियंता व कर्मियों के अलावा अपर समाहर्ता (विधिव्यवस्था) महेश्वर प्रसाद सिंह, भू अर्जन पदाधिकारी राकेश कुमार, जिला उद्योग पदाधिकारी पीरपैंती, बीडीओ अभिमन्यु कुमार व सीओ मनोहर कुमार ने प्यालापुर मौजा के सगुनी व गोराडीह में लगभग 2.5 किमी जमीन का निरीक्षण किया. इस क्रम में जमीन की किस्म, फलदार व फर्नीचर निर्माण कार्य में उपयोगी पेड़ों की गणना भी की. सनद रहे कि गोड्डा से पीरपैंती तक रेल लाइन बिछाने के लिए प्यालापुर, मजरोहि, उदयपुरा, प्रसबन्ना व रिफातपुर मौजा की जमीन अधिग्रहित की जानी है. डीडीसी ने बताया कि गोड्डा से पीरपैंती तक रेल खंड का निर्माण होना है, जिसके लिए सरकार पीरपैंती के चार मौजों की जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है.पीरपैंती का मोहबी व मेंहदीपोखर बनेगा आधुनिक सिल्क हब : डीडीसी
डीडीसी के नेतृत्व में रेल परियोजना हेतु अधिग्रहित जमीन के मुआयना के बाद अधिकारियों की टीम बुनकर बहुलता वाले मोहबी गांव भी गये. जहां उनलोगों ने बुनकरों व वहां इस काम से जुड़ी महिलाओं से वार्ता कर उनकी समस्याओं की जानकारी ली. डीडीसी ने बताया कि मोहबी व मेंहदीपोखर में सिल्क से कपड़े तैयार करनेवाले नैसर्गिक प्रतिभा सम्पन्न कारीगर है. सरकार द्वारा सिल्क उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए मनरेगा के माध्यम से व जीविकाकर्मियोंबक सहयोग से व्यापक कार्यक्रम को क्रियान्वित करने वाली है. उन्होंने इन दोनों गांवों को सिल्क हब के रूप विकसित किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि मनरेगा व जीविका को इस संबंध में आवश्यक निर्देश दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है