चारदीवारी निर्माण में पुराने ईंट का हो रहा इस्तेमाल, जांच शुरू
टीएमबीयू के लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पीजी गर्ल्स हॉस्टल की चारदीवारी के निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायत मिली है. चारदीवारी निर्माण कार्य में पुराने ईंट का इस्तेमाल किया जा रहा है.
टीएमबीयू के लालबाग प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पीजी गर्ल्स हॉस्टल की चारदीवारी के निर्माण कार्य में गड़बड़ी की शिकायत मिली है. चारदीवारी निर्माण कार्य में पुराने ईंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. शिकायत मिलने पर सोमवार को डीएसडब्ल्यू प्रो बिजेंद्र कुमार व रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे शाम में गर्ल्स हॉस्टल जांच करने पहुंचे थे. चारदीवारी निर्माण कार्य में लगाये जा रहे पुराने ईंट को भी देखा. दोनों अधिकारी ने नाराजगी जतायी है.
रजिस्ट्रार प्रो पूर्वे ने कहा कि उनके पास पुराने ईंट का इस्तेमाल किये जाना का साक्ष्य है. इसे लेकर ठेकेदार का पता लगाया जा रहा है कि चारदीवारी का निर्माण कौन करा रहा है. इस बारे में इंजीनियर शाखा से जानकारी मांगी जा रही है. इस बारे में कुलपति को भी अवगत कराया जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि हॉस्टल परिसर में फैली गंदगी व जंगल-झाड़ को हटाया जायेगा. कुलपति से निर्देश लेकर नगर निगम से जेसीबी मांगा जायेगा. ताकि सफाई कराने के बाद हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं के लिए इंडोर गेम खेलने के लिए व्यवस्था करायी जायेगी. केंपस में ही बैडमिंटन आदि खेल के लिए कोट बनाया जायेगा. रजिस्ट्रार ने कहा कि चारदीवारी निर्माण कार्य में गड़बड़ी करने वाले ठेकेदार पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.————————————-
असिस्टेंट प्राेफेसर बहाली में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र का मामला गहराने लगा
असिस्टेंट प्राेफेसर बहाली में फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र का मामला गहराने लगा है. इस बाबत एक अभ्यर्थी ने हाईकाेर्ट में केस दर्ज कराया है. दूसरी तरफ टीएमबीयू सहित कुछ अन्य विवि के अभ्यर्थियाें ने भी राजभवन से इसे पूरे मामले की जांच कराने की मांग को लेकर आवेदन दिया है. वहीं, अभ्यर्थी हाईकाेर्ट में किये गये केस में इंटरवेनर बनने की भी तैयारी कर रहे हैं.
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक अभ्यर्थी ने कहा कि कुछ दिन पहले असिस्टेंट प्राेफेसर बहाली के लिए अर्थशास्त्र विषय का रिजल्ट जारी हुआ था. इसमें केवल अंक से असफलता मिली. पूरा पता करने पर सामने आ रहा है कि एक विवि के काॅलेज से रात में आठ अनुभव प्रमाणपत्र तैयार करआयोग काे भेजा गया था. जबकि प्रमाणपत्र जांच करने के बाद आयोग काे भेजना चाहिए था. इससे दस वेटेज अंक है. कुछ अभ्यर्थी ऐसे थे, उनका सेवा संपुष्टि का प्रमाणपत्र विवि या काॅलेज के स्तर पर जारी कर दिया गया. जबकि विवि या काॅलेज अधिकृत नहीं है. एफिलिएटेड काॅलेज से भी पढ़ाने का अनुभव प्रमाणपत्र बनवाकर उसका उपयाेग किया गया. ऐसे में उनलाेगाें ने राजभवन से सभी विवि काे इस तरह के प्रमाणपत्राें की जांच करने का आदेश देने के लिए अनुरोध किया है. बता दें कि आयोग ने असिस्टेंट प्राेफेसर बहाली में दो विवि से फर्जी प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है