सन्नी हत्याकांड में एक अभियुक्त दोषी करार, एक रिहा
सन्नी हत्याकांड में एक अभियुक्त दोषी करार, एक रिहा
सबौर थाना क्षेत्र में 15 दिसंबर 2020 को सन्नी कुमार हत्याकांड मामले में अदालत ने मंगलवार को सुनवाई पूरी की. इसमें कांड के मुख्य अभियुक्त प्रभु यादव को दोषी करार दिया गया. कांड के एक आरोपित राजू पंडित को रिहा कर दिया गया. एडीजे 14 की अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फैसला सुनाया है. वहीं सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 12 अगस्त को तिथि निर्धारित की गयी है. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से बहस में हिस्सा ले रहे एपीपी यमुना दास ने बताया कि मामले में मृतक सन्नी कुमार की पत्नी संजना कुमारी की ओर से सबौर थाना में केस दर्ज कराया गया था. इसमें आरोप लगाया था कि प्रभु यादव ने उनके पति से 5 लाख रुपये कर्ज लिया था. इसी बात को लेकर उनके पति और प्रभु के बीच अनबन चल रहा था. इसको लेकर आरोपितों की ओर से उनके पति की हत्या करने की धमकी भी दी गयी थी. विगत 15 दिसंबर 2020 को सजौर के हसनचक नवटोलिया के रहने वाले प्रभु यादव अपने बाइक पर उनके पति को लेकर गये थे. इसके बाद उन्हें सूचना मिली कि उनके पति का शव सबौर थाना क्षेत्र में मिला है. बेगूसराय में रिश्वत लेते गिरफ्तार दारोगा के विरुद्ध भागलपुर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल रिश्वत लेने के आरोप में विगत 10 जून को बेगूसराय के भगवानपुर थाना के दारोगा विनीत कुमार झा की हुई गिरफ्तारी के बाद निगरानी थाना की पुलिस ने दारोगा विनीत के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है. मंगलवार को पटना से आये निगरानी थाना के पदाधिकारियों ने इस संबंध में भागलपुर कोर्ट में चार्जशीट सौंपा है. इसमें आरोपित दारोगा के विरुद्ध कांड को सत्य पाये जाने को लेकर रिपोर्ट सौंपी है. भागलपुर स्थित जिला व्यवहार न्यायालय के स्पेशल विजिलेंस कोर्ट एडीजे 5 की अदालत में चार्जशीट समर्पित किया गया. मामले में अब कोर्ट के आदेश के बाद सुनवाई शुरू की जायेगी. 10 जून को हुई गिरफ्तारी के बाद 11 जून को गिरफ्तार दारोगा को भागलपुर के स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था. फिर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. निगरानी की टीम ने 15 हजार रिश्वत लेते रंगेहाथ दारोगा विनीत को गिरफ्तार किया था. निगरानी विभाग के डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में गठित टीम ने आरोपित दारोगा की गिरफ्तारी की थी. क्या था मामला भगवानपुर थाना क्षेत्र के संजात गांव के रहने वाले रामाशीष चौधरी के पुत्र ने सौरव कुमार ने थाना में मारपीट और छिनतई का आरोप लगाते हुए एक केस दर्ज कराया था. आरोपित की गिरफ्तारी करने के एवज में दारोगा विनित कुमार झा द्वारा 15 हजार रुपये रिश्वत की मांग की जा रही थी. इस बात से परेशान होकर सौरव ने इसकी शिकायत निगरानी विभाग से की थी. इसके बाद डीएसपी अरुणोदय पांडेय के नेतृत्व में निगरानी विभाग की टीम सिविल ड्रेस में भगवानपुर पहुंची थी.
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