लोदीपुर थाना क्षेत्र से विगत सात मार्च 2022 को हुए नाबालिग के अपहरण मामले में विगत 29 मई 2024 को कांड के अभियुक्त विपिन कुमार कुशवाहा को दोषी पाया गया था. पॉक्सो एक्ट की विशेष न्यायाधीश एडीजे 6 रंजीता कुमारी की अदालत में शुक्रवार को सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. जिसमें कांड में दोषी पाये गये अभियुक्त विपिन कुमार कुशवाहा को तीन अलग-अलग धाराओं में सजा सुनायी गयी. सभी सजा को एक साथ चलाने का निर्देश दिया गया. दोष सिद्ध अभियुक्त को अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में 20 साल कठोर कारावास के साथ 30 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी गयी है. जुर्माना की राशि जमा नहीं कराने पर कारावास की अवधि को बढ़ाने का भी निर्देश दिया गया है. साथ ही कांड की पीड़िता को भी मुआवजा देने का निर्देश दिया गया है. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से पॉक्सो एक्ट के विशेष लोक अभियोजक शंकर जय किशन मंडल ने हिस्सा लिया.
दर्ज कराया गया था अपहरण मामला, बरामदगी के बाद आयी दुष्कर्म किये जाने की बात
लोदीपुर थाना क्षेत्र से विगत सात मार्च 2022 को 14 वर्षीय नाबालिग का अपहरण किये जाने के बाद अपहृता के पिता के आवेदन पर केस दर्ज किया गया था. जिसमें सात मार्च 2022 को पढ़ने के लिए स्कूल जाने के बाद उनकी बेटी वापस नहीं लौटी थी. छह दिनों तक खोजबीन के बाद उन्हें जानकारी मिली कि गांव के रहने वाले विपिन कुमार कुशवाहा ने सोनू, राजू और सिकंदर की मदद से उनकी बेटी का अपहरण कर लिया है. इस पर जब वे लोग राजू मंडल के घर पहुंचे तो वहां उक्त लोगों ने उनकी बेटी की तस्वीर दिखायी और कहा कि विपिन और उनकी बेटी ने शादी कर ली है. और अगर मामले में केस करोगे तो पूरे परिवार की हत्या करवाने की धमकी दी. मामले में पुलिस ने अपहृता की बरामदगी की. जिसमें अपहृता ने अपने बयान में उसके साथ दुष्कर्म किये जाने का बयान दिया था.
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