अस्पताल में आरटी पीसीआर मशीन से जांच के लिए किट का संकट अब तक खत्म नहीं हुआ हे. दो हजार कोविड किट को आरएमआरआइ पटना से उपलब्ध करा दिया गया है. लेकिन आरएनए किट नहीं मिलने के कारण बड़े स्तर पर जांच शुरू नहीं हो पायी है. मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ हेमंत कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार सरकार की ओर से एक सप्ताह बाद दस हजार कोरोना किट उपलब्ध कराया जायेगा. खरीदारी का स्लीप बिहार सरकार की ओर से हमें उपलब्ध करा दिया गया है.
उन्होंने बताया कि आरटी पीसीआर जांच के लिए आंतरिक स्त्रोत से 400 किट खरीदा गया था. अब तक 200 से अधिक मरीजों की जांच आरटीपीसीआर मशीन से की गयी. गुरुवार को भी 48 मरीजों की जांच की गयी. अब 200 किट बचे हैं. 1.21 करोड़ की लागत से आरटी पीसीआर मशीन को बीस दिन पहले ही स्टॉल कर दिया गया था. वहीं 10 दिन पहले इंडियन मेडिकल रिसर्च काउंसिल ने जांच के लिए एप्रूवल भी दे दिया था. लेकिन किट नहीं मिलने के कारण मशीन महज शोभा की वस्तु बनकर रह गयी थी.
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बताया कि आरटी पीसीआर के अलावा हमारे पास सीवी नेट विधि से कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच हो रही है. किट के अभाव में सीवी नेट मशीन एक सप्ताह से बंद है. गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधान सचिव ने बताया कि दो दिन के अंदर सीवी नेट मशीन के लिए एक हजार किट भागलपुर भेजे जाएंगे. सदर अस्पताल में 276 की सैंपलिंग, सैंपल भेजा गया पटना सदर अस्पताल में गुरुवार को 276 संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग की गयी. इस सैंपल को जांच के लिए पटना एम्स के पास भेजा गया. जानकारी मिली कि मायागंज अस्पताल में किट के अभाव में सदर अस्पताल के सैंपल पटना भेजा जा रहा है. वहीं किट मिलने के बाद मायागंज अस्पताल के लैब में सदर अस्पताल के सैंपल की जांच होगी.
मायागंज अस्पताल के मैनेजर सुनील गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को मायागंज अस्पताल में 50 लोगों का सैंपल लिया गया है. इस सैंपल को मायागंज अस्पताल में शेष बचे किट से आरटी पीसीआर जांच कराया जा रहा है.मायागंज अस्पताल में चार मरीज हुए स्वस्थ हॉस्पिटल मैनेजर ने बताया कि गुरुवार को छह कोरोना संक्रमित मरीज की भर्ती की गयी. वहीं चार मरीजों को स्वस्थ होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज भी किया गया. गुरुवार को एक भी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है.