प्रतिनिधि, सुलतानगंज
नवसृजित प्रावि अनुसूचित टोला, कटहरा में गुरुवार को एमडीएम में गड़बड़ी देख बच्चे सहित ग्रामीण आक्रोशित हो गये. भोजन की गुणवत्ता को लेकर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया. बच्चे बने हुए भोजन खाने से इनकार करने लगे. कई बच्चों ने भोजन नहीं किया. व्यवस्था में सुधार की मांग की गयी है. अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल में एचएम की मनमानी चलती है. भोजन में गुणवत्ता नहीं रहता है. बच्चे खाने में परहेज करते हैं. 101 बच्चे में एक किलो दाल बनाया गया. पानी जैसा दाल बच्चे नहीं खाए. एमडीएम सरकारी मापदंड के अनुसार नहीं बनाया जाता है. स्कूल में काफी अनियमितता की शिकायत की. ग्रामीणों ने एचएम का स्थानांतरण करने की मांग की.एक किलो दाल, तीन किलो आलू व दस किलो चावल दिये एचएम : रसोइया
स्कूल की रसोइया मीना देवी व पिंकी देवी ने बताया कि हेड मास्टर जो सामान देते हैं वही बनाते हैं. एचएम घर से सामान लाकर देते हैं. रसोईया ने बताया कि आज विद्यालय में 101 बच्चे रहने के बाद मुझे एक किलो दाल, तीन किलो आलू व दस किलो चावल बनाने दिया था. हरी सब्जी नहीं दिया गया. ग्रामीण बेबी देवी ने बताया कि स्कूल में घटिया खाना खिलाया जाता है. दाल पानी जैसा दिया गया. बच्चों से प्लेट धुलवाया जाता है. छात्र स्मृति कुमार, शिल्पी कुमारी, नीलू कुमारी, शालू कुमारी, प्रेम राज ने बताया कि खाना कभी भी बढ़िया नहीं दिया जाता है. विद्यालय के प्रभारी बिंदेश्वरी कुमार घोष एमडीएम का सामान देकर बीआरसी गये है. प्रथम दिन विद्यालय खुलने से यह स्थिति उत्पन्न हुई.वीएसएस अध्यक्ष व उपमुखिया ने कहा एचएम नहीं मानते बात
विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष उप मुखिया सीता देवी ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक बात नहीं मानते हैं. चेक करने आने पर उलझ जाते हैं. दाल बना है उसमें दाल कम पानी अधिक है. सब्जी जो बनाया गया है उसमें सिर्फ आलू है. हरी सब्जी नहीं बनाया गया है. एचएम विंदेश्वरी घोष ने बताया कि प्रथम दिन होने के कारण बच्चा अधिक बढ़ गया. दाल पहले बन गया था. अनुमान नहीं था कि बच्चा बढ़ जायेगा. इसलिए दाल में गड़बड़ी आयी. बीईओ रेखा भारती ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है. एमडीएम बीआरपी से जांच करायी जायेगी.
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