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Bhagalpur News: अंगीभूत काॅलेजाें में नियमित शिक्षक ही बन सकेंगे प्राचार्य

टीएमबीयू सहित राज्य के अंगीभूत काॅलेजाें में नियमित शिक्षक ही प्राचार्य बन सकेंगे. साथ ही उनका कम से कम 15 वर्षाें का शिक्षण अनुभव होना चाहिए. इसके अलावा न्यूनतम 10 आर्टिकल का प्रकाशन भी हाेना अनिवार्य बताया गया है

– राजभवन ने प्राचार्य नियुक्ति के लिए नया रेगुलेशन निर्धारित किया

– एसोसिएट प्रोफेसर से कम रैंक के शिक्षक प्रभारी प्राचार्य नहीं बनेंगे

टीएमबीयू सहित राज्य के अंगीभूत काॅलेजाें में नियमित शिक्षक ही प्राचार्य बन सकेंगे. साथ ही उनका कम से कम 15 वर्षाें का शिक्षण अनुभव होना चाहिए. इसके अलावा न्यूनतम 10 आर्टिकल का प्रकाशन भी हाेना अनिवार्य बताया गया है. नियुक्ति के विज्ञापन के समय शिक्षकों की अधिकतम उम्र 60 वर्ष हाे. इसे लेकर राजभवन के प्रधान सचिव आरएल चाेंग्थू ने अधिसूचना जारी की है. अधिसूचना में कहा गया है कि नियमित प्रिंसिपल का पद खाली है, ताे एसोसिएट प्रोफेसर से कम रैंक के शिक्षक प्रभारी प्राचार्य नहीं बनेंगे. बताया गया कि सूबे के विवि में 1996 में प्राचार्याें की नियुक्ति के बाद रेगुलेशन में पहली बार बदलाव किया गया है. सातवें वेतनमान के प्रभाव में आने के बाद उसके अनुरूप तैयार किया गया है. रेगुलेशन में नियुक्ति की रिक्तियां आरक्षण के राेस्टर के आधार पर जारी की जायेगी. इसे लेकर विज्ञापन राष्ट्रीय स्तर पर जारी होगा. अभ्यर्थी के पास पीएचडी की डिग्री हो. ये प्राेफेसर या एसोसिएट प्रोफेसर हाे सकते हैं. जिनके पास सेवा या शिक्षण या रिसर्च के क्षेत्र में कम से कम 15 साल का अनुभव जरूरी है. पीयर रिव्यूड जर्नल या यूजीसी की सूची में शामिल जर्नल में कम से कम 10 रिसर्च पेपर का प्रकाशित हुआ हो. नियुक्ति के लिए टीचिंग व रिसर्च पर 60 व एकेडमिक प्रशासनिक अनुभव पर 20 अंकाें का वेटेज भी दिया जायेगा. साथ ही इंटरव्यू 20 अंकों का होगा.

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