वीडियो कांफ्रेंसिंग से हो सकती है पीएचडी व एमफिल की मौखिक परीक्षा, इन परिक्षाओं में बड़े बदलाव की राजभवन ने दी मंजूरी…

भागलपुर: यूजीसी ने कोविड 19 को लेकर इस साल परीक्षा संबंधित कई चीजों में बदलाव करने जा रहा है. पीएचडी व एमफिल कर रहे छात्रों को इस बार नयी व्यवस्था से गुजरना पड़ सकता है. छात्रों का वीडियो कांफ्रेंसिंग से मौखिक परीक्षा ली जा सकती है. जो छात्र निर्धारित समय तक थीसिस जमा नहीं कर सके हैं. ऐसे छात्रों को छह माह की छूट मिल सकती है. यूजीसी के गाइडलाइन को राजभवन ने मंजूरी दे दी है. दूसरी तरफ स्नातक व पीजी की परीक्षा ओएमआर शीट पर लेने की तैयारी है. परीक्षा अवधि तीन की जगह दो घंटे करने व प्रश्नों की संख्या कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी राजभवन से मिल गयी है. राजभवन से यूजीसी के गाइडलाइन को हरी झंडी मिलने के बाद टीएमबीयू को भेजा गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 17, 2020 10:59 AM

भागलपुर: यूजीसी ने कोविड 19 को लेकर इस साल परीक्षा संबंधित कई चीजों में बदलाव करने जा रहा है. पीएचडी व एमफिल कर रहे छात्रों को इस बार नयी व्यवस्था से गुजरना पड़ सकता है. छात्रों का वीडियो कांफ्रेंसिंग से मौखिक परीक्षा ली जा सकती है. जो छात्र निर्धारित समय तक थीसिस जमा नहीं कर सके हैं. ऐसे छात्रों को छह माह की छूट मिल सकती है. यूजीसी के गाइडलाइन को राजभवन ने मंजूरी दे दी है. दूसरी तरफ स्नातक व पीजी की परीक्षा ओएमआर शीट पर लेने की तैयारी है. परीक्षा अवधि तीन की जगह दो घंटे करने व प्रश्नों की संख्या कम करने के प्रस्ताव को मंजूरी राजभवन से मिल गयी है. राजभवन से यूजीसी के गाइडलाइन को हरी झंडी मिलने के बाद टीएमबीयू को भेजा गया है.

परीक्षा समन्वयक प्रो अशोक ठाकुर ने कही ये बात

परीक्षा समन्वयक प्रो अशोक ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 को लेकर सिर्फ एक वर्ष की छूट मिली है. विवि के पास मौजूदा संसाधन है. इसी अनुसार नयी व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रहा है. कोविड 19 व लॉक डाउन से टीएमबीयू सहित देशभर के ज्यादातर विवि में परीक्षाओं के संचालन में दिक्कत आ रही थी. इसे लेकर यूजीसी ने नयी व्यवस्था की है. विवि अधिकारी ने बताया कि पीएचडी में लिए इंटरव्यू ऑनलाइन कराया जायेगा. कोविड-19 को लेकर एक्सटर्नल विश्वविद्यालय में आना संभव नहीं है. ऐसे में पीएचडी व एमफिल के छात्रों का मौखिक परीक्षा फंस सकती है. छात्रों को आगे बढ़ने का मौका भी नहीं मिल पायेगा. इसलिए यह व्यवस्था की गयी है.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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