Bhagalpur news नर्सिंग होम समेत सात जांच घरों को बंद करने का आदेश

नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के आसपास अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सेंटरों का सोमवार को नवगछिया एसडीएम ऋतुराज प्रताप सिंह ने औचक निरीक्षण किया

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2025 1:39 AM
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नवगछिया अनुमंडल अस्पताल के आसपास अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सेंटरों का सोमवार को नवगछिया एसडीएम ऋतुराज प्रताप सिंह ने औचक निरीक्षण किया. जांच के दौरान शिवा डायग्नोज सेंटर, मां अल्ट्रासाउंड, नयन अल्ट्रासाउंड, संजीव कुमार दास नर्सिंग होम और चित्रा पैथोलॉजी सहित कुल सात क्लिनिकों में गंभीर अनियमितता पायी गयी. मिली जानकारी के अनुसार निरीक्षण के दौरान कई सेंटरों पर रजिस्टर और दस्तावेज नहीं मिले. शिवा डायग्नोज सेंटर में न तो कोई रजिस्टर था और न योग्य कर्मचारियों की उपस्थिति थी. इस दौरान सीटी स्कैन कर रहे प्रिंस कुमार से योग्यता के बारे में जानकारी लेने पर उसने बताया कि पढ़ाई अभी जारी है. इस पर एसडीएम ने नाराजगी जताते हुए पूछा कि बिना लाइसेंस और योग्यता के जांच कैसे कर रहें हैं, जिसपर उसने कोई जवाब नहीं दिया.वहीं दूरी ओर निरीक्षण के क्रम में मौजूद मरीजों से पूछताछ में जानकारी मिली कि अल्ट्रासाउंड के लिए 1400 रुपये लिए जाते हैं, और इसका कोई रसीद नहीं मिलता है. जब संचालक से रसीद दिखाने को कहा गया, तो वह प्रस्तुत नहीं कर सका. सात क्लिनिकों को बंद करने का आदेश नयन अल्ट्रासाउंड में लाइसेंस और अन्य जरूरी कागजात नहीं मिलने पर एसडीएम ने केंद्र बंद करने का आदेश दिया. संजीव कुमार दास नर्सिंग होम और चित्रा पैथोलॉजी समेत सात जांच घर व नर्सिंग होंम में भी ऐसी खामियां मिलने पर कड़ी कार्रवाई की गई. एफआइआर की तैयारी, जिलाधिकारी को भेजी जाएगी रिपोर्ट एसडीएम ऋतुराज प्रताप सिंह ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सेंटरों में अनियमितता की शिकायतें मिल रही थी. इसी के आधार पर जांच कि गई तो पाया कि कई सेंटर बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं और कुछ के लाइसेंस की अवधि समाप्त हो चुकी है. सभी अनियमितताओं की रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को भेजी जा रही है. कहा कि जिसके पास लाइसेंस नहीं है, उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी. इस मामले में एसडीएम ने कहा कि अवैध रूप से संचालन व मरीजों का आर्थिक शोषण करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जांच की गई प्रमुख खामियां 1. बिना लाइसेंस और प्रशिक्षित कर्मचारियों के संचालन 2. मरीजों से तय शुल्क से अधिक वसूली 3. रसीद और अन्य जरूरी दस्तावेजों की अनुपलब्धता 4. एसडीएम का सख्त संदेश

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