पब्लिक प्राइवेट पार्टनर इंटरफेस मीटिंग का आयोजन सीएस डॉ अशोक प्रसाद की अध्यक्षता में हुई. स्वास्थ्य विभाग द्वारा संस्थागत प्रसव के बाद गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने में हर संभव प्रयास कर रही है. कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के अस्थायी व स्थायी साधनों के प्रति जागरूकता लाने का काम भी किया जा रहा है. जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रमों के सफल क्रियान्वयन के लिए सहयोगी संस्थाओं की भी मदद मिल रही है. बावजूद प्राइवेट संस्थाओं द्वारा रिपोर्टिंग में बहुत अंतर पाया जा रहा है. इस अंतर को सभी निजी नर्सिंग होम को आग्रह किया गया कि सही एवं संपूर्ण रिपोर्ट बिना किसी भय के समय से उपलब्ध कराये. आइएमए अध्यक्ष ने निजी स्वास्थ्य संस्थानों के प्रतिनिधि-चिकित्सकों के तरफ से आश्वासन दिया की सभी संस्थान समय से रिपोर्ट करेंगे. जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनी भूषण झा ने बताया कि नेशनल फेमिली हेल्थ सर्व पांच की रिपोर्ट के अनुसार में 33 प्रतिशत लोग निजी स्वास्थ्य संस्थानों में आकर परिवार नियोजन की सेवाएं ले रहे है. जबकि दस प्रतिशत लोग दवा दुकानों अथवा अन्य दुकानों से परिवार नियोजन साधन की खरीद करते है. कार्यक्रम में पीएसआइ इंडिया के प्रतिनिधि अकबर अली खान, नवीन राय और अन्य स्वास्थ्य अधिकारी भी उपस्थित रहे. उन्मुखीकरण के दौरान डाटा रखरखाव, प्रसव के बाद परिवार नियोजन के साधनों के इस्तेमाल तथा संक्रमण से बचाव व काउंसिलिंग की जानकारी दी.
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