परीक्षा की तैयारी में जुटे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ायें अभिभावक व शिक्षक
अंतिम समय में पूरी किताब पढ़ने की बजाय शॉर्ट नोट्स पर फोकस करें.
मायागंज अस्पताल के ओपीडी स्थित मनोरोग विभाग में कई छात्र व उनके अभिभावक काउंसिलिंग के लिए पहुंच रहे हैं. अभिभावकों की शिकायत रहती है कि 10वीं व 12वीं की परीक्षा शुरू होने में अब एक माह शेष बचा है. लेकिन बच्चे परीक्षा की अच्छी तैयारी नहीं होने की बात कह रोते हैं. बिना खाना खाये रात में सोते हैं. सुबह उठने के बाद भी मानसिक स्थिति बेहतर नहीं रहती है. मामले की जानकारी देते हुए जेएलएनएमसीएच के मनारोग विभाग के प्राध्यापक डॉ कुमार गौरव बताते हैं कि परीक्षा के तनाव से निपटने के कई तरीके हैं. सबसे पहले अभिभावकों व शिक्षकों को अपने बच्चों का खास ध्यान रखना होगा. बच्चों को समझाये कि अगर रिजल्ट बेहतर नहीं भी होता है तो आगे की पढ़ाई बेहतर ढंग से कर कॅरियर में अच्छा कर सकते हैं. वहीं पढ़ाई का रूटिन बनाने में बच्चों की मदद करें. बच्चों को लगातार पढ़ने से रोकें और नियमित अंतराल में ब्रेक लेने को कहें. आराम और व्यायाम के लिए समय जरूर निकालें. गहरी सांस लेने व ध्यान करने से मन शांत होता है और चिंता कम होती है. गहरी सांस लेने से आत्मविश्वास भी बढ़ता है. बता दें कि फरवरी में बिहार बोर्ड, सीबीएसइ व आइसीएसइ की 10वीं व 12वीं की फाइनल परीक्षा शुरू होगी. जिले के करीब सवा लाख छात्र इसमें शामिल होंगे.
मनोरंजक गतिविधियों में शामिल हो परीक्षार्थी : डॉ गौरव बताते हैं कि लगातार पढ़ाई करने के बाद दोस्तों व परिवार के सदस्यों के साथ खेलकूद, गीत संगीत, हंसी मजाक के लिए थोड़ा समय निकालें. मोबाइल पर अनावश्यक प्रयोग न करें. एजुकेशनल कंटेट देखने के लिए मोबाइल निकालें. अंतिम समय में पूरी किताब पढ़ने की बजाय शॉर्ट नोट्स पर फोकस करें. महत्वपूर्ण प्रश्नों का बार बार रिवीजन करें. रोजाना सात से आठ घंटे की पर्याप्त नींद लें. नियमित अंतराल में पानी का सेवन करें. कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें. ताकि आप अपने परीक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकें. देर रात तक पढ़ने की बजाय तड़के सुबह से लेकर दिन में पढ़े. देर रात की पढ़ाई से तनाव बढ़ेगा, आपको ज्यादा कुछ याद नहीं रहेगा.
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