पीजी गांधी विचार विभाग व गंगा मुक्ति आंदोलन के तत्वावधान में रविवार को विभाग के सत्याग्रह कक्ष में धरती, नदी, पानी संवाद विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ उमेश प्रसाद नीरज ने धरती, नदी और पानी के संकट को जीवन का संकट बताया. कहा कि औद्योगिक क्रांति के बाद विकास की गति व नीति ने पर्यावरण का दोहन किया है. इसका परिणाम है कि पर्यावरण प्रदूषण और नदी, पानी व धरती के अस्तित्व पर गहरा संकट छाया है. मुख्य वक्ता प्रो डॉ मनोज कुमार ने कहा कि भागलपुर के दक्षिण में चांदन नदी व उसके सहायक नदियों की स्थिति का अध्ययन किया गया था. नदियों के बालू भर जाने के कारण पारंपरिक सिंचाई व्यवस्था ध्वस्त होने की स्थिति को देखा था. आज वहीं बालू के अत्यधिक उठाव से नदियां इतनी गहरी हो गयी है कि सिंचाई के लिए बने पौराणिक नालों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. पीजी हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो योगेंद्र ने कहा कि इस संकट के समाधान के लिए एक नयी जीवन व्यवस्था के बारे में सोचने की जरूरत है. विभागाध्यक्ष डॉ अमित रंजन सिंह ने कहा कि नदिया सुख रही है, धरती पर नदी व पानी को बचाने का सवाल ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. कार्यक्रम को ललन, शोध छात्र राजीव कुमार, अनुल होदा आदि ने संबोधित किया. मौके पर विनोद, मंजर आलम ,नवज्योति पटेल, जाकिर हुसैन, शमिता कुमारी, शिवांगी, रेखा कुमारी आदि मौजूद थे. ———————– इस्लामनगर सोसाइटी का गठन, डॉ रब्बानी अध्यक्ष व शौकत अली बने सचिव इस्लामनगर कॉलोनी के विकास, सुरक्षा व जरूरतमंदों को मदद सहित अन्य सामाजिक कार्य के लिए रविवार को बैठक हुई. सर्वसम्मति से इस्लामनगर सोसाइटी का गठन किया गया है. इसमें डॉ गुलाम रब्बानी जौहर को अध्यक्ष व मोहम्मद शौकत अली को सचिव मनोनित किया गया है. जबकि कोषाध्यक्ष मो नईमूल हक, सहायक मसरूर आलम खां व इम्तियाज बनाये गये हैं. हबीब मुर्शीद खां ने कहा कि तीन माह बाद सोसाइटी का नियम बनाकर नया चयन किया जायेगा. बैठक की अध्यक्षता इंजीनियर अब्दुल हसन ने किया. सोसाइटी में इकबाल हसन, शाहिद अब्बास, अयूब जलाल, मो इम्मतियाज, फिरोज, डॉ आशिक हैदर, असद, राजा, शाहिद अब्बास सहित दो दर्जन लोग कार्य समिति के सदस्य बनाये गये हैं.
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