जिले में देर से ही सही उपयुक्त बारिश के बाद धान की रोपनी शुरू हो गयी. अब तक जिले में 89 प्रतिशत बिचड़ा का काम पूरा हो गया, जबकि रोपनी 1.8 प्रतिशत अर्थात 854 हेक्टेयर भूमि में रोपनी हो गयी. हालांकि बिचड़ा का काम अब तक शत-प्रतिशत हो जाना था और रोपनी का प्रतिशत भी 20 फीसदी से अधिक तक पूरा होना था.
कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार जिले में सबसे अधिक रोपनी पीरपैंती में 244 हेक्टेयर में रोपनी हुई, जबकि इसके बाद बिहपुर में 28 हेक्टेयर व रंगरा चौक 13 हेक्टेयर में रोपनी हुई. इसके विपरीत धान का कटोरा कहलाने वाला क्षेत्र शाहकुंड, जगदीशपुर, गोराडीह में अब तक नहीं के बराबर रोपनी शुरू हो पायी है. यहां के किसान बिचड़ा का काम पूरा करने के बाद बिचड़ा बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं. युवा किसान शिरोमणि ने बताया कि शाहकुंड के कुछ इलाके में सीधी बुआई हुई है. पहले बारिश की अभाव में खेतों में दरार पड़ने लगे थे और उगा हुआ बिचड़ा भी पानी को तरसने लगा था. अब बारिश इतनी हो गयी कि खेतों से पानी निकालने के लिए किसान परेशान हैं. हैं. अब तक पूरे जिले में 45885 हेक्टेयर भूमि में केवल 1.8 प्रतिशत तक ही धान की रोपनी हो सकी है.
कृषि विशेषज्ञों व किसानों की मानें तो मानसून समय पर पहुंच जाता और पर्याप्त बारिश होती तो जिले के किसान 20 से 25 तक रोपा कर लेते. पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार देर से सही बारिश ठीक हुई है. यही बारिश पहले होती तो धान का रोपा सामान्य हो पाता. कृषि विभाग के अनुसार शाहकुंड के तीन पंचायत में बॉग रोपा, सुल्तानगंज में बॉग रोपा हुआ, जबकि पीरपैंती में 244 हेक्टेयर भूमि में ही रोपा हो सका है. वहीं जगदीशपुर, नाथनगर, कहलगांव, गोराडीह, सन्हौला आदि में नहीं के बराबर रोपा हो सका है. देसरी जगदीशपुर के किसान राजशेखर ने बताया कि पानी की सुविधा होती तो 30 प्रतिशत तक रोपा हो गया होता. बिचड़ा भी पूरी तरह नहीं बो सके हैं तो रोपा तो दूर की बात है.
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जिले में धान की खेती बारिश पर ही निर्भर है. हालांकि बारिश शुरू हो चुकी है. इस बार अच्छी धान की खेती की उम्मीद है.अनिल यादव, जिला कृषि पदाधिकारी, भागलपुर
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