बिहार में हाल-ए-एडमिशन: शिक्षा विभाग के आदेश से अभिभावक परेशान, कार्यालयों के लगा रहे चक्कर
बिहार के सरकारी स्कूलों में परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है. मध्य विद्यालय से पास हो चुके छात्रों को अब हाईस्कूल में नामांकन लेना है. लेकिन शिक्षा विभाग के एक आदेश ने इन बच्चों के लिए एडमिशन मुश्किल कर दिया है.
भागलपुर के रंगरा प्रखंड के कोशकीपुर सोहरा के आठवीं पास करीब 40 बच्चों को गांव से लगभग 20 किलोमीटर दूर पंचायत के ही हाईस्कूल सोहरा में नामांकन के लिए अधिकृत किया गया है. गांव से अभिभावकों आर बच्चों को जब से यह सूचना मिली तब से वे लोग मायूस हैं. पिछले दो दिनों से अभिभावक शिक्षा विभाग के कार्यालयों की दौड़ लगा रहे हैं. अब तक कोई निदान सामने नहीं आया है.
कटाव के कारण बदल गयी थी गांव की भौगोलिक स्थिति
कोसकीपुर – सहोरा गांव कोसी नदी का तटवर्ती इलाका है. 1980 के दशक से ही गांव में कटाव जारी है. जिसके कारण कोशकीपुर और सोहरा गांव अलग अलग हो गया. वर्तमान में दोनों गांव के बीच कोसी नदी की तीन धारा बहती है. कोशकीपुर से तीन नदी को पार कर सोहरा गांव आना संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में कोसकीपुर के लोग पहले कटिहार जिले के कुर्सेला जाते हैं फिर वहां से ग्रामीण अपने पंचायत मुख्यालय में आते हैं. सड़क मार्ग से दोनों गांवों की दूरी लगभग 20 किलोमीटर है.
अभिभावकों ने कहा
अभिभावक खगेश कुमार, सुबोध साह, मुकेश राम, प्रदीप राम, रामजी महतो, वरूण दास, विजय राम आदि ने बताया कि उनलोगों के गांव के छात्र कटिहार जिले के कुर्सेला उच्च विद्यालय में पढ़ते हैं. यह गांव का सबसे नजदीकी हाईस्कूल है. कुर्सेला भी गांव से करीब तीन किलोमीटर है. इस बार जब वे लोग नामांकन के लिए गये तो स्कूल में नामांकन लेने से मना कर दिया और कहा गया कि शिक्षा विभाग के वरीय पदाधिकारियों की अनुमति के बाद ही नामांकन संभव है. उनलोगों को पहले भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी से अनुमति लेनी होगी फिर कटिहार के जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुमति के बाद ही नामांकन संभव है.
चार किलोमीटर दूर बगीचे के रास्ते कैसे जाएंगी छात्राएं
मध्य विद्यालय गौरा चौकी नाथनगर की चार छात्रा – छात्राएं सरस्वती कुमारी, प्रिंस कुमार, पायल कुमारी, तारा कुमारी भी शिक्षा विभाग कार्यालय की दौड़ लगा रही हैं. चारों विद्यार्थियों के अभिभावकों ने बताया कि उन लोगों को गोड्डी बदरपुर हाईस्कूल में नामांकन कराने के लिए अधिकृत किया गया है. उक्त विद्यालय उन लोगों के घर से चार किलोमीटर दूर है. जहां जाने के लिए कोई सड़क नहीं है. लोग दो से तीन बगीचे को पार कर वहां जाते हैं. वे लोग रोजाना कैसे स्कूल जाएंगे. सबों ने विभाग को आवेदन दे कर मांग की है कि उन लोगों का नामांकन डाट बाट हाईस्कूल में अगर करा दिया जाय तो वे लोग आसानी से अपनी पढ़ाई को जारी रख सकेंगे.
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