पीजी पुरुष छात्रावास वन का भवन जर्जर
टीएमबीयू के पीजी पुरुष हॉस्टल वन का भवन जर्जर होने से छात्रों को डर सताने लगा है. इसको लेकर हॉस्टल के छात्रों ने विवि को पत्र लिखा है कि भवन जर्जर होने के कारण प्रतिदिन प्लास्टर टूट-टूट कर गिर रहा है.
टीएमबीयू के पीजी पुरुष हॉस्टल वन का भवन जर्जर होने से छात्रों को डर सताने लगा है. इसको लेकर हॉस्टल के छात्रों ने विवि को पत्र लिखा है कि भवन जर्जर होने के कारण प्रतिदिन प्लास्टर टूट-टूट कर गिर रहा है. शौचालय व स्नानघर का भी कुछ हिस्सा कमजोर होकर गिरने लगा है. ऐसे में अनहोनी का अंदेशा बना रहता है. हॉस्टल में 103 कमरे हैं. मामले को लेकर हॉस्टल अधीक्षक से छात्रों ने कहा कि कुलपति को सभी चीजों से अवगत करायें. ————————————————————————- पीजी हॉस्टल जाने वाले सड़क मार्ग बारिश के पानी से हुआ जलमग्न टीएमबीयू का पीजी पुरुष हॉस्टल जाने वाले मार्ग बारिश होने के बाद जलमग्न हो गया है. मार्ग में लगभग तीन फीट पानी जमा हो गया है. ऐसे में उस मार्ग से जाने वाले सात हॉस्टल में रहने वाले करीब सात सौ छात्रों को आने-जाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है. पानी के जमा को लेकर पिछले साल भी हॉस्टलों के छात्रों को काफी परेशनी झेलनी पड़ी थी. इस बाबत समस्या का निदान नगर-निगम व विवि प्रशासन स्तर से नहीं किया जा सका था. मामले को लेकर हाॅस्टल के छात्रों ने जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाया था, लेकिन ठोस पहल नहीं किया गया. वहीं, एक दिन पहले बुधवार को निगम के वरीय अधिकारियों ने अपनी पूरी टीम के साथ पीजी पुरुष मार्ग, वेलफेयर टू छात्रावास व मारवाड़ी कॉलेज के हॉस्टल जाने वाले सड़कों का निरीक्षण भी किया था. —————————————————————– इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों का स्टार्टअप के प्रति रुझान बढ़ाने की कवायद इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों का स्टार्टअप के प्रति रुझान बढ़ाने के लिए कवायद शुरू कर दी गयी है. सभी कॉलेजों से प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार कर उसे एआईसीटीई को भेजने के लिए कहा गया है. बीसीई में माइक्रो स्माल मीडियम इंटरप्राइजेज के तहत स्टार्टअप प्रोजेक्ट लगाने के लिए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा फंड नये सत्र में मुहैया करायेगा. बीसीई के प्राचार्य प्रो ओपी राय ने कहा कि एमआईटी में राज्य के विज्ञान व तकनीकी शिक्षा विभाग से भी कई प्रोजेक्ट मिल रहे हैं. इसे लेकर भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को पत्र लिखा है. बीसीई से भी प्रोजेक्ट तैयार कर भेजा जायेगा. एआईसीटीई ने कहा कि एमएसएमई के अलावा रिसर्च एंड डेवलपमेंट से जुड़े प्रोजेक्ट भी स्वीकार किया जायेगा. एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कॉलेजों से कहा है कि स्टार्टअप प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रोत्साहित करें.
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