भागलपुर में धनाढ्य लोगों द्वारा गलत तरीके से अर्जित की गयी संपत्ति को लेकर जांच चल रही है. इधर इस बीच जांच में बाधा उत्पन्न करने को लेकर जोगसर थानाध्यक्ष पर कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं.
विगत दिनों जोगसर थानाध्यक्ष के बयान से कुछ दैनिक अखबारों (प्रभात खबर नहीं) में जांचाधीन लोगों को क्लीन चिट देने की बात कही गयी थी. उक्त बयान को गैर अधिकारिक और अनुशासनहीनता का परिचायक बताते हुए पुलिस मुख्यालय ने भागलपुर एसएसपी को उक्त थानाध्यक्ष के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया है.
इस संबंध में जारी किये गये पत्र में भागलपुर से प्रकाशित होनेवाले दो अखबारों में छपी एक खबर के वायरल होने की बात कही गयी है. इसमें थानाध्यक्ष अजय कुमार अजनबी अपने बयान में हाइकोर्ट के आदेश पर चल रही जांच के अधीन एक जनप्रतिनिधि पर लगाये गये आरोप सत्य नहीं होने का वक्तव्य दिया गया था.
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उस संदर्भ में एससीआरबी एवं मॉनर्डनाइजेशन एडीजी ने भागलपुर एसएसपी को पत्र जारी कर कहा है कि हाइकोर्ट के दिशा निर्देशन में चल रही जांच गोपनीय होती है. साथ ही पुलिस द्वारा की जानेवाली गोपनीय जांच के संबंध में गैर अधिकारिक वक्तव्य दिया जाना अनुशासनहीनता है.
थानाध्यक्ष के वक्तव्य में पुलिस मीडिया नीति का भी उल्लंघन पाया गया है. पत्र में यह भी कहा गया है कि किसी पर लगे आरोपों को सिद्ध करना या नहीं करने का निर्णय न्यायालय या सक्षम प्राधिकार के द्वारा ही किया जाता है.
उक्त पत्र के आलोक में भागलपुर एसएसपी ने पूरे मामले की जांच की जिम्मेदारी सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात को सौंपी है. उक्त मामले में अपनी जांच पूरी करने और आरोपित थानाध्यक्ष से स्पष्टीकरण तलब करने के बाद सिटी एसपी इसकी रिपोर्ट आज एसएसपी को सौंप सकते हैं. वहीं रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने के बाद मामले में क्या कार्रवाई की गयी इसकी रिपोर्ट एडीजी एससीआरबी सहित पुलिस मुख्यालय को सौंपी जायेगी.
Published By: Thakur Shaktilochan