भागलपुर : जिले में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ी तो इनको रखने में परेशानी आने लगी. आनन फानन में टीटीसी में कोविड केयर सेंटर शुरू कर दिया गया. इसमें मरीज भर गये तो अब प्रखंड समेत अन्य जगहों पर सरकारी भवन की तलाश शुरू की गयी है. दिलचस्प बात यह है कि पड़ोसी जिला बांका कोविड केयर सेंटर का निर्माण पूर्व में ही कर चुका है. यहां कोरोना पॉजिटिव मरीजों को इलाज हो रहा है. सरकार का निर्देश है कि ऐसे मरीज जो गंभीर नहीं हैं, इनको कोविड केयर सेंटर में रखना है.
यहां मरीज गंभीर होते हैं तो उनको मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर करना है. अब जब मरीज धीरे धीरे बढ़ने लगे तो केयर सेंटर की कमी होने लगी. अब परेशानी यह है कि सरकारी भवन जिले में ऐसा कम है जिसमें हर कमरे से अटैच बाथरूम हो. माथापच्ची के बाद भी अब तक पूरी संख्या में भवन का चयन नहीं हो पाया है. उधर परेशानी यह भी है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन सामान्य कोरोना पॉजिटिव मरीजों को लेने से इंकार कर रहा है. ऐसे में अगर सही समय पर कोविड सेंटर और नहीं बना तो मरीजों को परेशान होना तय है.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की अपनी है परेशानी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना वार्ड में अभी 93 मरीज भर्ती हैं. यानी तय संख्या से ज्यादा. मेडिसिन विभाग को भी कोरोना वार्ड में बदलने की तैयारी हो रही है. इस पूरे अस्पताल में अगर मरीज को रखा जाता है तो आठ सौ से ज्यादा मरीज नहीं रह सकते है. अब ऐसे में नये कोविड केयर सेंटर बेहद जरूरी है. अभी प्लान ही हो रहा तैयार आननफानन में घंटाघर स्थिति टीटीसी को कोविड केयर सेंटर का निर्माण कर दिया गया. इसमें अभी 350 बेड लगाया गया है.
जबकि यहां दो दर्जन मरीज भर्ती हैं. सेंटर अनुमंडल में भी बनाया जाना है. इसके लिए अभी प्लान ही बनाया जा रहा है. नवगछिया और कहलगांव में कोविड केयर सेंटर बनाया जाना है. वहीं पीएचसी में ऑक्सीजन सिलिंडर भेज कर विभाग इस कार्य को लेकर चुप हो गया है.
अब सवाल यह है कि कोविड केयर सेंटर के लिए जब तक ठोस कदम नहीं उठाया जाता तब तक इस तरह की छोटी छोटी सुविधा का लाभ ज्यादा लोग नहीं ले सकेंगे. इस सेंटर का गठन 15 मई तक कर लिया जाना था. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. क्यों नहीं हुआ, इसका जबाव किसी भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के पास नहीं है. सिविल सर्जन की माने तो अभी कोविड केयर सेंटर का बनाया जा रहा है. पीएचसी को अलर्ट कर दिया गया है.
Posted by Pritish sahay