स्वास्थ्य से लेकर परिवार व समाज कल्याण की भगवान सूर्य से की कामना
जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान धूमधाम से मनाया गया, जिसका समापन शुक्रवार को हुआ. वहीं जिले में कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनायें हुई हैं. लाखों व्रतियों ने तालाब, जलाशय व गंगा के विभिन्न घाटों पर गुरुवार को अस्ताचलगामी एवं शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को श्रद्धापूर्वक अर्घ दिया.
जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान धूमधाम से मनाया गया, जिसका समापन शुक्रवार को हुआ. वहीं जिले में कुछ स्थानों पर छिटपुट घटनायें हुई हैं. लाखों व्रतियों ने तालाब, जलाशय व गंगा के विभिन्न घाटों पर गुरुवार को अस्ताचलगामी एवं शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को श्रद्धापूर्वक अर्घ दिया. श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य की आराधना की और स्वास्थ्य व समाज कल्याण की कामना की. सभी स्थानों पर सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं के सामूहिक प्रयास से शांतिपूर्वक छठ महापर्व संपन्न हुआ.
कहीं अस्थायी तालाब बना कर दिया अर्घ्य, कहीं भव्य सजावट
भागलपुर शहर के विभिन्न मोहल्लों में सामूहिक प्रयास से अस्थायी तालाब बनाकर भी पूजा-अर्चना की गयी. खासकर इस बार गंगा में जलस्तर बढ़ने के कारण घाटों पर कम जगह होने के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घर व मोहल्ले में अस्थायी तालाब बनाकर अर्घ दिया. सिकंदरपुर पानी टंकी परिसर, पटेल नगर में अस्थायी तालाब तो हसनगंज स्थित अक्षरधाम मंदिर में स्थायी पक्के तालाब में व्रतियों ने अर्घ दिया. सिकंदरपुर पानी टंकी परिसर में पूर्व पार्षद सदानंद मोदी ने व्रतियों के लिए अपनी सेवा दी. कुतुबगंज स्थित महादेव तालाब में पार्षद प्रतिनिधि शशि मोदी के संचालन में भव्य सजावट की गयी थी. पहली बार गोशाला परिसर में अस्थायी तालाब बनाया गया, जहां 60 परिवारों ने दोनों दिन अर्घ दिया. गौशाला कमेटी की ओर से विशेष सेवा दी गयी.
सामाजिक संगठनों का मिला खूब सहयोगसामाजिक संगठन अंग सेवा समिति, उपकार क्लब, संजीव स्मृति क्लब, मानिक सरकार घाट, आदमपुर छठ पूजा समिति, मारवाड़ी युवा मंच, नर सेवा नारायण सेवा, डीवाइएफआइ आदि ने श्रद्धालुओं को अर्घ देने के लिए किला घाट, गोलाघाट, सखीचंद घाट, बूढ़ानाथ, दीपनगर, मानिक सरकार, आदमपुर, एसएम कॉलेज सीढ़ी घाट, मुसहरी घाट, लंच घाट, बरारी सीढ़ी घाट, पुल घाट आदि पर कच्चे दूध, अगरबत्ती, माचिस, प्राथमिक चिकित्सा आदि की भी व्यवस्था की थी. शुक्रवार को व्रतियों के पारण के लिए दही, पेड़ा, शरबत उपलब्ध कराये गये थे. बूढ़ानाथ घाट समेत अन्य स्थानों पर भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित की गयी थी.
छठ माता के गीतों से माहौल हुआ भक्तिमय
गुरुवार को दिनभर और शुक्रवार को पारण समाप्त होने तक चारों तरफ छठ माता के गीत बजते रहे. खासकर शारदा सिन्हा, देवी व अन्य गायक व गायिका के गीतों की गूंज हरेक गलियों व चौराहों पर सुनाई दे रही थी. इससे पूरा माहौल भक्तिमय हो गया था.
स्वागत के लिए की गयी थी सजावट व्रतियों के स्वागत के लिए शहर के विभिन्न चौक-चौराहों स्टेशन चौक, कोतवाली चौक, सराय, मंदरोजा चौक आदि को रंगोली, बैलून व अन्य चीजों से भव्य ढंग से सजाया गया. जगह-जगह हुई भगवान सूर्य की पूजा मंदरोजा चौक, बूढ़ानाथ घाट, आरके लेन, मानिक सरकार धाट, सखीचंद घाट, बाबूपुर मंड घाट आदि स्थानों पर भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गयी. इतना ही नहीं यहां का माहौल भी गंगा तट से कम भक्तिमय नहीं था.गोताखोर व नियंत्रण कक्ष की थी व्यवस्था
व्रतियों को दलदली व गंगा में डूबने से बचाने के लिए एसडीआरएफ के तहत सभी घाटों पर प्रशिक्षित गोताखोर तैनात थे. बूढ़ानाथ घाट समेत अन्य घाटों पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया था. जिसमें पुरुष पुलिस कर्मी के साथ-साथ महिला पुलिस कमी भी भारी संख्या में मौजूद थे. इतना ही नहीं सुरक्षाकर्मी ने पुल घाट पर पुल से. पानी से सुरक्षा की कमान संभाल रखी थी.
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