टीएमबीयू के चार कर्मियों को निलंबन मुक्त करने की तैयारी
टीएमबीयू के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र की पिटाई मामले में सोमवार को विवि में उच्च स्तरीय जांच कमेटी की दूसरी बैठक हुई. घटना से संबंधित तमाम बिंदुओं पर गहन विचार-विर्मश किया गया.
टीएमबीयू के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र की पिटाई मामले में सोमवार को विवि में उच्च स्तरीय जांच कमेटी की दूसरी बैठक हुई. घटना से संबंधित तमाम बिंदुओं पर गहन विचार-विर्मश किया गया. बताया जा रहा है कि उन चार कर्मचारियों को निलंबन मुक्त किया जा सकता है. हालांकि कमेटी की रिपोर्ट आने का इंतजार है. हालांकि कोर्ट में उन कर्मचारियों का मामला चलता रहेगा. दरअसल, कमेटी ने मामले को लेकर दूसरी बैठक की. इसमें पूर्व रजिस्ट्रार की पिटाई मामले में आरोपित चार कर्मचारियों ने अपना लिखित पक्ष बंद लिफाफा में कमेटी के समक्ष रखा है. जबकि, पूर्व रजिस्ट्रार ने मामले में अपना कोई पक्ष मौखिक व लिखित रूप में नहीं दिया है. कर्मचारियों ने पक्ष रखते हुए कहा, हम वेतन मामले को लेकर गये थे, रजिस्ट्रार बनाने लगे वीडियो सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों ने पक्ष रखते हुए कहा कि 12 नवंबर 2024 को रजिस्ट्रार से बात करने उनके कार्यालय गये थे. वेतन मामले को लेकर वार्ता चल रही थी. इसी में पूर्व रजिस्ट्रार उनलोगों का वीडियो करने लगे. उनसे बोला गया कि वेतन भुगतान की बात करने आये हैं. कर्मचारियों का वीडियो क्यों बना रहे हैं. पूर्व रजिस्ट्रार मोबाइल को इधर-उधर करने लगे. जब उनसे मोबाइल लेने लगे. तभी उनका मोबाइल गिर गया. सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों ने पूर्व रजिस्ट्रार की पिटाई मामले से इंकार किया है. वहीं, कमेटी के कुछ सदस्यों ने कहा कि पूरे घटनाक्रम से प्रतीत हो रहा है कि मारपीट का आरोप गलत है. मामले में विवि प्रशासन ने चार कर्मियों को किया है निलंबित बता दें कि घटना को लेकर पूर्व रजिस्ट्रार ने चार कर्मचारियों के खिलाफ विवि थाना में रिपोर्ट दर्ज करायी थी. इस बाबत विवि प्रशासन ने चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया था. उनका मुख्यालय दूसरे कॉलेज में बनाया गया था. साथ ही विवि के दो कर्मचारी व टीएनबी कॉलेज के एक कर्मचारी का स्थानांतरण दूसरे कॉलेज में कर दिया. इसमें एक कर्मचारी को विवि ने लीगल शाखा में वापस बुला लिया था. उच्च स्तरीय जांच कमेटी में प्रो अशोक कुमार ठाकुर संयोजक हैं. जबकि प्रो अमरकांत सिंह, प्रो अर्चना साह, प्रो संजय कुमार झा, सीनेट सदस्य मुजफ्फर अहमद सदस्य व रजिस्ट्रार प्रो रामाशीष पूर्वे सदस्य सचिव है. कोट मामले में रिपोर्ट तैयार कर विवि प्रशासन को सौंपी जायेगी. कुलपति के निदेश के बाद आगे की प्रक्रिया की जायेगी. – प्रो रामाशीष पूर्वे, रजिस्ट्रार
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है