मां जगधात्री पूजन को लेकर तैयारी पूरी

सिल्क सिटी भागलपुर के विभिन्न बंगाली बहुल क्षेत्र में रविवार को मां जगधात्री की पूजा बांग्ला विधि-विधान से होगी. एक दिन में ही सप्तमी, अष्टमी व नवमी की पूजा होगी. मानिक सरकार घाट के समीप गांगुलीबाड़ी, घाट रोड में कालीबाड़ी व मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी में प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जायेगी. इसे लेकर सारी तैयार पूरी कर ली गयी है. कलाकार प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 9, 2024 10:20 PM

सिल्क सिटी भागलपुर के विभिन्न बंगाली बहुल क्षेत्र में रविवार को मां जगधात्री की पूजा बांग्ला विधि-विधान से होगी. एक दिन में ही सप्तमी, अष्टमी व नवमी की पूजा होगी. मानिक सरकार घाट के समीप गांगुलीबाड़ी, घाट रोड में कालीबाड़ी व मशाकचक स्थित दुर्गाबाड़ी में प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जायेगी. इसे लेकर सारी तैयार पूरी कर ली गयी है. कलाकार प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे हैं.

ईख, केला व कोहड़ा की दी जायेगी बलि, खिचड़ी, चटनी, खीर, मिठाई का लगेगा भोग

बंगाली बहुल क्षेत्र चंपानगर महाशय ड्योढ़ी बंगाली टोला, मशाकचक, मानिक सरकार, रिफ्यूजी कॉलोनी आदि क्षेत्र में मां जगधात्री की पूजा होगी. आंगन में ईख, केला व कोहड़ा की बलि दी जायेगी. पूजन में मां को खिचड़ी, चटनी, खीर, मिठाई, अलग-अलग फल व विविध व्यंजनों का भोग लगाया जायेगा. रविवार को सुबह सप्तमी पूजा, उसके बाद पुष्पांजलि भोग ईख, कोहड़ा, केला की बलि दी जायेगी. खिचड़ी के साथ पांच प्रकार के भाजी, दो तरह की सब्जियां, चटनी, खीर, मिठाई का भोग लगाया जायेगा. सुबह 10:30 बजे के बाद अष्टमी पूजा शुरू होगी और एक बजे समाप्त होगी. अष्टमी का भोग पुलाव, पनीर, चने का दाल, खीर, मिठाई, आलू-गोभी की सब्जी से लगेगा. नवमी पूजा संध्या 4:00 बजे से होगी. नवमी पर खिचड़ी- सब्जी का भोग लगाया जायेगा.

कथाशिल्पी शरतचंद के ननिहाल में 200 वर्षों से हो रही है मां की पूजा

मानिक सरकार घाट के समीप स्थित कथा शिल्पी शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के ननिहाल गांगुलीबाड़ी में 200 वर्षों से मां जगधात्री की पूजा हो रही है. ननिहाल परिवार के सदस्य उज्जवल गांगुली, शांतनु गांगली, अपर्णा गांगुली, माला गांगुली, सम उज्जवल गांगुली, स्वर्णाली गांगुली आदि लोग कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए हैं. शांतनु गांगुली ने बताया कि यहां पूजन स्थान में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कभी यहां के पूजन में खुद कथाशिल्पी शरतचंद्र भी शामिल होते थे. यहां पंडित राजा मुखर्जी पूजन करायेंगे. तापस घोष ने बताया कि पूजन के दौरान बंगाल से आये ढाकी कलाकार ढाक बजाकर माहौल को भक्तिमय कर देंगे.

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